Wednesday, April 24, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

कैशलेस अर्थव्यवस्था भारत को पड़ सकती है भारी, लगातार बढ़ रहे हैं साइबर हमले

अंग्वाल संवाददाता
कैशलेस अर्थव्यवस्था भारत को पड़ सकती है भारी, लगातार बढ़ रहे हैं साइबर हमले

नई दिल्ली। देश में जैसे-जैसे कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है, वैसे ही धीरे-धीरे साइबर खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। पिछले पांच सालों में बैंकिंग सिस्टम में साइबर हमलों की घटनाओं की संख्या उच्चस्तर पर पहुंच गई है। एसोचैम और पीडब्ल्यूसी द्वारा किए गए एक अध्ययन से प्राप्त जानकारी में बताया गया है कि पिछले साल हैकर्स ने अक्टूबर में भारतीय बैंकों के एटीएम कार्ड को निशाना बनाया था, जिससे करीब 32 लाख डेबिट कार्ड प्रभावित हुए थे।रिसर्च में बताया है कि व्यवसायों और व्यक्तियों द्वारा साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत बढ़ गई है।'

यह भी पढ़ेसामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई पर मारपीट—लूटपाट का मामला दर्ज, महिलाओं को हक ​दिलाने के लिए जानी जाती हैं तृप्ति

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार सालों में भारतीय वेबसाइटों पर हमला पांच गुना बढ़ा है। हालांकि साइबर सुरक्षा के लिए देश का बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2012-13 में करीब 42.2 करोड़ रुपये था। आंकड़ों के अनुसार  साइबर हमलों के खतरों के बावजूद वित्त वर्ष 2012-13 में साइबर सुरक्षा पर 42.2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। जो कि वित्त वर्ष 2010-11 की तुलना में 19 फीसदी अधिक है। जबकि अमेरिका इस मामले में 65.8 करोड़ डॉलर और यूएस-सीईआरटी 9.3 करोड़ डॉलर खर्च करता है।'


यह भी पढ़े-  सुखोई—30 विमान हादसे में शहीद पायलट के पिता ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर की हादसे की जांच की मांग

 आपको बता दें कि अध्ययन में यह भी बताया गया कि नोटबंदी के प्रभाव के कारण ई-वॉलेट सेवाएं और मोबाइल वॉलेट एप डाउनलोड में भारी वृद्धि हुई है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, 'भारत जैसे-जैसे कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है, वैसै-वैसे साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमें इसे निपटने के लिए तत्काल और बढ़े कदम उठाने पडेंगे।'

Todays Beets: