नई दिल्ली। अगर किसी भी समाचार को कम समय में ज्यादा लोगों तक पहुंचाना हो तो सोशल मीडिया से बेहतर और कोई भी तरीका नहीं हो सकता है। आजकल देश और विदेशों में मौजूद असामाजिक तत्वों द्वारा इसका खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में लंदन में हुए आतंकी हमले के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर से भड़काऊ कमेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने इस पर कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया था। अब उन्होंने इसकी तैयारी कर ली है।
अमेरिका में हुई शुरुआत
आपको बता दें कि फेसबुक अब अपने यूजर और धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोगों को सोशल मीडिया पर आने वाले गंदे और भड़काऊ कमेंट से कैसे निपटा जाए इसकी ट्रेनिंग देगा। उन्हें बताया जाएगा कि भड़काऊ कमेंट को फैलने से कैसे रोका जा सकता है। फेसबुक ने अमेरिका में इसकी शुरुआत भी कर दी है। फेसबुक ने इसके लिए ‘ऑनलाइन सिविल कॉरेज’ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत विभिन्न संस्थाओं को ऑनलाइन मॉनिटरिंग और उग्र कंटेंट को हैंडल करने का तरीका सिखाया जाएगा।
फेसबुक ने तैयार किया सपोर्ट डेस्क
भड़काऊ कमेंट को रोकने के लिए फेसबुक ने सपोर्ट डेस्क की भी शुरुआत की है जो इसे फ्लैग करने में संस्थाओं की मदद करेंगे। इस अभियान की शुरुआत तब हुई है जब हाल के कुछ दिनों से आपत्तिजनक, भड़काऊ और गंदे कंटेंट को फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों की पूरी दुनिया में आलोचना हुई रहो रही है। बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में लंदन में हुए आतंकी हमले के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे इंटरनेट फर्म से कार्रवाई करने की मांग की थी जिसके बाद फेसबुक ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि वह जल्द ही अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद आतंक समर्थित कंटेंट को हटाने के लिए बड़ा कदम उठाएगा और आतंकी गतिविधियों की भनक लगते ही सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सूचना दी जाएगी।