नई दिल्ली। वर्तमान समय को सोशल मीडिया का युग कहा जाए तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। आज का समय पूरी तरह से सोशल मीडिया की कैद में आ गया है। चाहे बच्चा हो या बड़ा हर कोई व्यक्ति हर वक्त सोशल मीडिया नेटर्वकिंग वेबसाइटों पर ऑनलाइन बना रहता है। ऐसे में अगर उन्हें एक दिन भी इससे दूर रहने के लिए कहा जाता है तो वह खुद को असहज महसूस करने लगते हैं। इस मामले में हाल ही में एसोचैम का एक विश्लेषण सामने आया, जिसमें बताया गया कि लोग पहले की तुलना में अब टीवी देखने और समाचार-पत्र को पढ़ने की बजाय अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं।
एसोचैम के इस विश्लेषण के मुताबिक, पहले की तुलना में लोग अब टीवी देखने के लिए और सामचार-पत्र पढ़ने के लिए ना के बराबर का समय निकालते हैं। सोशल मीडिया फेसबुक,व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर समय बिताने की वजह से उनकी आदतों में तेजी से बदलाव आ रहा है। विश्लेषण में बताया कि आज से चार साल पहले की तुलना में समाचार-पत्र पढ़ने और टीवी देखने की तुलना में आज लोग इसके लिए समय नहीं निकालते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सब के बावजूद भी आम लोग समाचार-पत्रों के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं। आज भी लोग सुबह अपना अखबार नियमित रूप से पढ़ते हैं। इससे समाचार-पत्र के प्रिंट मीडिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि पिछले कुछ समय की तुलना में इन दिनों समाचार -पत्रों को पढ़ने वाले लोगों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। बता दें कि यह विश्लेषण 235 परिवारों के सर्वे के आधार पर पेश किया गया । संस्थान ने यह सर्वे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रहने वाले परिवारों में किया था। उनसे प्राप्त जवाबों के आधार पर यह विश्लेषण तैयार किया गया है।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने सोशल मीडिया पर असत्य जानकारी के प्रसार को लेकर चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने इस लोगों के लिए गंभीर खतरा का विषय बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ता को सूचनाओं को लेकर ज्यादा समझदार और सजग होना होगा।