नई दिल्ली। व्हाट्सएप को लेकर सरकारी नियम बनाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में व्हाट्सएप ने अपनी सहयोगी फेसबुक का उपभोक्ताओं कर निजता का ख्याल न रखने का विरोध किया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाई। अब इस मामले की सुनवाई गर्मी छुट्टियों के पहले होगी।
पसंद है तो करें इस्तेमाल नहीं तो छोड़ दें
गौरतलब है कि 2016 में लागू नयी प्राइवेसी पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप फेसबुक के साथ कंज्युमर डेटा शेयर करता है। याचिकाकर्ता का कहना था कि इससे न सिर्फ उपभोक्ता का ब्यौरा, बल्कि उसकी निजी बातचीत भी गलत हाथों में जा सकती है। इसके जवाब में जस्टिस खेहर ने कहा कि यह एक प्राइवेट सर्विस है अगर आपको पसंद है तो इस्तेमाल करें नहीं तो छोड़ दें।
गर्मी की छुट्टियों में होगी सुनवाई
याचिकाकर्ता, यानी कि व्हाट्सएप की तरफ से मशहूर वकील हरीश साल्वे अपनी दलीलें पेश कर रहे थे। उनकी दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस खेहर ने कहा कि टेलीकाॅम कंपनी सेवा के लिए पैसे लेती है। व्हाट्सएप एक फ्री मैसेजिंग सर्विस है। क्या मुफ्त की चीज का इस्तेमाल करते हुए कोई निजता के अधिकार का दावा कर सकता है?” याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे लगभग 20 मिनट तक कोर्ट के सामने दलीलें रखते रहे। साल्वे ने ऑनलाइन मैसेजिंग सेवाओं के लिए सरकारी नियम को जरूरी बताया। अंत में जस्टिस खेहर और डी वाई चन्द्रचूड़ की बेंच ने इस मामले पर सरकार, ट्राई और व्हाट्सएप और फेसबुक को नोटिस जारी कर इसका जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश ने अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से भी इस पर सुझाव देने के लिए कहा है। उन्होंने व्हाट्सएप और फेसबुक के मसले पर सुनवाई का वक्त गर्मी की छुट्टियों के पहले सप्ताह में रखा है। इ दौरान कई और मसले भी सुलझाए जाएंगे।