नई दिल्ली।अभी तक अफसर बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होती थी, लेकिन अब बिना यूपीएससी करे ही नौकरशाह बना जा सकता है। दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अनुभवी लोगों को बिना यूपीएससी परीक्षा पास किए नौकरशाह बनाने जा रही है। सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले अधिकारी बिना यूपीएससी परीक्षा पास किए सरकार में बड़े अधिकारी बन सकते हैं। केंद्र सरकार ने इसके लिए 10 अलग—अलग विभागां में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। इन पदों पर केवल यूपीएससी परीक्षा पास किए व्यक्तियों की नियुक्ति होती थी, लेकिन अब सरकार ने इन पदों के लिए लैटरल वैकेंसी निकाली है।
इस बारे में सरकार ने कहा है कि इससे मंत्रालयों में अनुभवी लोग आएंगे, जिसका लाभ काम को बेहतर तरीके से करने में मिलेगा। कार्मिक विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार, भारत सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर शामिल होने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान देने के लिए इच्छुक प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। ये सभी अनुबंध के आधार पर होंगी और 3 से पांच वर्षों के लिए होंगी। जिन विभागों में नियुक्तियां होंगी उनमें राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक कार्यों, नागर विमानन और वाणिज्य प्रमुख हैं। इन सभी पदों के लिए आवेदक की उम्र सीमा 1 जुलाई 2018 को कम से कम 40 साल होनी चाहिए। आवेदकों का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ने स्नातक होना अनिवार्य है।राजनीतिक दलों के उठाए सवाल
मोदी सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक दलों ने कई सवाल उठाए हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे संविधान और आरक्षण का उल्लंघन बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार ने संविधान को मजाक बना दिया है।
वहीं पूर्व आईएएस और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की और इसकी मंशा पर सवाल भी उठाया. नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन को लेकर उन्होंने कहा, 'यह गलत है. इसमें इंडियन नेशनल का जिक्र किया गया है, इंडियन सिटीजन नहीं. तो क्या बाहर रहने वालों को भी बनाएंगे।