चेन्नई। हमारे देश में शिक्षा की स्थिति किस कदर खराब है यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है। ग्रामीण इलाकों में तो शिक्षा का स्तर और भी ज्यादा खराब है। ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में बच्चों के दाखिले भी नाममात्र के ही हैं। इस का एक बड़ा कारण माता-पिता का सरकारी स्कूलों के बजाए प्राइवेट स्कूलों की तरफ बढ़ता रुझान है लेकिन तमिलनाडू में कोयंबटूर के एक प्राथमिक विद्यालय ने शिक्षा के स्तर को सुधारने और बच्चों का नामांकन बढ़ाने के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इसके तहत स्कूल में नामांकन कराने वाले बच्चों को करीब पांच हजार रुपये 1 सोने का सिक्का और दो सेट स्कूल यूनिफॉर्म दिया जा रहा है। बता दें कि यह ऑफर एडमिशन लेने वाले पहले 10 बच्चों के लिए ही है।
स्कूल के हेडमास्टर राजेश चंद्रकुमार राय ने बताया की उनकी यह कोशिश काफी रंग ला रही है। धीरे-धीरे बच्चे स्कूल में नामांकन करने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। अभी तक 3 बच्चों ने दाखिला करवा लिया है और अन्य तीन बच्चों ने दाखिले की इच्छा जाहिर की है।
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यहां आपको बता दें कि अन्नूर के कोनासलाम गांव में इस विद्यालय की शुरुआत 1996 में हुई थी तब इस विद्यालय में लगभग 165 बच्चे पढ़ा करते थे लेकिन फसल खराब होने की वजह से गांव के लोग यहां से धीरे-धीरे पलायन कर गए जिस कारण 1990 में इस स्कूल में केवल 10 बच्चे ही रह गए। अंग्रेजी स्कूलों के बढ़ते क्रेज के कारण भी यहां बच्चों के दाखिले कम हो गए हैं।
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गौरतलब है कि स्कूल में तमाम कोशिशों के बाद भी बच्चों का दाखिला न होने से राज्य सरकार ने यहां के शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर कर स्कूल को बंद करने का फैसला लिया जिसके बाद राजेश कुमार ने इस मुद्दे को गांव वालों के सामने रखा और बच्चों को प्रोत्साहित करने का विचार पैदा किया, ताकि वो स्कूल में नामांकन करा सकें। इसके लिए गांव के ही एक कारोबारी ने स्कूल में नामांकन कराने वाले बच्चों के लिए पांच हजार रुपये और एक सोने का सिक्का देने का प्रस्ताव रखा। ग्रामीणों का यह अनोखा प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेज दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर स्कूल को बंद नहीं होने देना चाहते। यह स्कूल उनके गांव की शान है और इसे बचाने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे।