नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए धर्मसभा और धर्म संसद के आयोजन बाद अब विश्व वेदांत संस्थान की ओर से अयोध्या में अश्वमेध यज्ञ कराया जाएगा। 1 से 4 दिसंबर तक होने वाले अश्वमेध यज्ञ का मकसद अयोध्या में बिना किसी बाधा के राम मंदिर का निर्माण करवाना है। बताया जा रहा है कि इस यज्ञ को 1008 ब्राह्मण मिलकर पूरा करेंगे और इसमें यज्ञ में 11000 संतों के शामिल होने की बात कही जा रही है। यहां बता दें कि साधु समाज की ओर से सरकार पर दवाब बनाने के लिए शीतकालीन सत्र में कानून लाने की मांग की जा रही है।
गौरतलब है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट में है और इसकी सुनवाई 19 जनवरी के बाद होने वाली है। देश के लाखों मंदिर समर्थक और साधु समाज किसी भी सूरत में वहां राम मंदिर का निर्माण कराने पर अड़े हुए हैं। उनकी मांग है कि अगर इसके लिए सरकार को संसद में कानून भी बनाना पड़ता है तो बनाना चाहिए जबकि भाजपाध्यक्ष अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि सरकार शीतकालीन सत्र में मंदिर निर्माण से जुड़ा अध्यादेश नहीं लाएगी। वह कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करेगी।
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यहां बता दें कि साधु समाज और विश्व हिंदु परिषद की ओर से मंदिर निर्माण के लिए वाराणसी और अयोध्या में धर्मसंसद और धर्मसभा का आयोजन किया जा चुका है। इसके बाद अब विश्व वेदांत संस्थान की ओर से 1 से 4 दिसंबर तक अयोध्या में अश्वमेध यज्ञ कराया जा रहा है। इस यज्ञ को 1008 पंडितों के द्वारा पूरा किया जाएगा और इसमें करीब 11000 साधु-संतों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। संस्थान के संस्थापक आनंद महाराज ने बताया कि विश्व वेदांत संस्थान का केंद्र नीदरलैंड में है। भारत के 21 प्रदेशों में करीब 10 लाख सदस्य अब तक संस्थान से जुड़ चुके हैं।