लखनऊ। अपने खेल से पूरे देश का नाम रोशन करने वाली एथलीट रायबरेली की सुधा सिंह का दर्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने छलक पड़ा। सालों से नौकरी का इंतजार कर रही राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों की पदक विजेता सुधा सिंह ने सीएम से कहा कि ‘‘पूरी इनामी राशि वापस ले लीजिए, बस यूपी में एक नौकरी दे दीजिए।’’ इस पर मुख्यमंत्री ने सुधा को इनामी राशि का चेक देते हुए कहा कि यह तो तुम्हारा अधिकार है। जहां तक नौकरी का सवाल है तो इसके लिए प्रक्रिया चल रही है, नौकरी जरूर मिलेगी। इस मौके पर राज्यपाल राम नाइक भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि सम्मान समारोह के बाद एथलीट सुधा सिंह ने कहा कि इतने सालों से देश के लिए पदक जीतने के बाद भी एक नौकरी के लिए सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं। बता दें कि सुधा सिंह वर्तमान में सेंट्रल रेलवे, मुंबई में असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर (एसीएम) पर तैनात हैं। उनकी मांग है कि उन्हें अपने घर यानी की यूपी में ही नौकरी दी जाए।
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यहां बता दें कि सुधा ने कहा- ‘‘32 साल की हो चुकी हूं। 2010 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इस साल जकार्ता एशियन गेम्स में भी रजत पदक जीता। इस दौरान दो बार ओलंपिक में भी प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। क्या इतना काफी नहीं है, यूपी में जॉब पाने के लिए। पता नहीं अब मुझे और क्या साबित करना होगा।’’ सुधा सिंह ने कहा अब सीएम के सामने भी गुहार लगाई है देखें क्या होता है।
गौर करने वाली बात है कि भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने नौकरी मांगने के सुधा सिंह के तरीके के सही नहीं माना है। उन्होंने कहा कि उनका भी मानना है कि एथलीट को यूपी में ही नौकरी मिले लेकिन इसकी एक प्रक्रिया होती है और उसके तहत इंतजार करना पड़ेगा।