Thursday, April 25, 2024

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CAG का खुलासा- रेल में मिलने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं, गंदे पानी से बनता है भोजन

अंग्वाल संवाददाता
CAG का खुलासा- रेल में मिलने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं, गंदे पानी से बनता है भोजन

नई दिल्ली । एक बार फिर रेलवे में परोसे जाने वाला खाना सवालों के घेरे में आ गया है। नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट को शुक्रवार सुबह संसद में रखा गया, जिसमें कहा गया है कि रेलवे द्वारा यात्रियों को परोसे जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं होता। कैग ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे में परोसे जाने वाले खाने को लेकर कई सवाल उठाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रियों को दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाद्य पदार्थ और डब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उसकी एक्सपायरी डेट निकल जाने के बाद भी परोसा जाता है। यह स्थिति काफी खतरनाक है। इतना ही नहीं अपने ऑडिट में कैग ने पाया कि भोजन बनाने और परोसने के लिए स्वच्छता के मानकों का पालन नहीं होता। इतना ही नहीं रेलवे की ओर से स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक और साफ-सुथरी चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

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74 स्टेशन-80 ट्रेनों का हुआ निरीक्षण

असल में रेलवे और कैग के एक संयुक्त दल ने देश के चुने गए 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों में निरीक्षण किया। इस दौरान जांच में सामने आया कि खाना बनाने और सर्वे करने के लिए स्वच्छता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता। कैग ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे लगातार अपनी फूड पॉलिसी में भी बदलाव करता है, जो यात्रियों के लिए आरामदायक नहीं होती। इतना ही नहीं रेलवे की खुद तय की गई साफ-सफाई संबंधी नीतियों का जमकर उल्लंघन होता है और खाना बनाने के दौरान स्वच्छा के मानकों का पालन नहीं होता। इतना ही नहीं ग्राहकों को खाने के बाद बिल तक नहीं दिया जाता।


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गंदे पानी का उपयोग होता है खाना बनाने में

रेलवे और कैग की संयुक्त टीम ने अपनी जांच में पाया कि रेलव में परोसे जाने वाले खाने को बनाने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल हो रहा था। कूडेदान खुले हुए थे और उसमें से गंदगी बाहर गिर रही थी। इतना ही नहीं जहां खाना बन रहा था और जहां रखा जा रहा था वहां उस खाने में कोई कीड़ा मकोड़ा न गिरे, इससे बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। खाने को मक्खी, कीड़े-मकोड़े, चूहे और कॉकरोच से बचाने के लिए कहीं भी कोई पुख्‍ता उपाय नहीं दिखे।

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