नई दिल्ली। स्कूलों में बच्चों को धर्म और जाति के भेदभाव के बिना शिक्षा दी जाती है। आपने ऐसा सुना है कि कक्षा में बच्चों को उनके धर्म के अनुसार अलग बैठने की व्यवस्था की गई हो। दिल्ली के वजीराबाद इलाके से एक ही खबर सामने आई है। यहां प्रिंसिपल इंचार्ज ने संप्रदाय के नाम पर बच्चों के बैठने की व्यवस्था कर दी। मामले का खुलासा होने पर आनन-फानन में नगर निगम ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उत्तरी निगम के मेयर का कहना है कि जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने भी इस व्यवस्था को खत्म करने का आदेश देते हुए 2 दिनों के अंदर सभी कक्षाओं में छात्रों को बिना किसी भेदभाव के बैठाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है।
गौरतलब है कि वजीराबाद में एमसीडी के एक स्कूल में 5वीं तक की कक्षा में 17 सेक्शन हैं। इनमें से 8 सेक्शन में छात्रों को उनके धर्म के आधार पर अलग से बैठने की व्यवस्था कर दी गई। इसकी खबर मिलते ही नगर निगम फौरन हरकत में आया और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उत्तरी नगर निगम के मेयर का कहना है कि जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें - चुनाव से पहले राजस्थान में भाजपा को लग सकता है झटका, मानवेन्द्र सिंह थामेंगे ‘हाथ’!
यहां बता दें कि छात्रों को धर्म के आधार पर कक्षा में अलग स्थानों पर बैठाने के मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने फौरन इस व्यवस्था को खत्म करते हुए 2 दिनों के अंदर सभी कक्षाओं में छात्रों को बिना किसी भेदभाव के बैठाने के आदेश दिए हैं। मेयर ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए निदेशक और इंस्पेक्टर भी स्कूल पहुंचकर मामले से जुड़े तमाम पहलुओं की छानबीन में जुटे हैं।
गौर करने वाली बात है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस प्रकरणा पर ट्वीट किया कि ‘‘भाजपा शासित एमसीडी में हिन्दू मुस्लिम बच्चों को अलग अलग कमरों में बिठाने की हरकत देश के संविधान के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है। मैंने दिल्ली के शिक्षा निदेशक को इस मामले की जांच के बाद शुक्रवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।’’