नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की मुश्किलें नेताओं के साथ छोड़ने से बढ़ने के अलावा उसके काम की वजह से भी किरकिरी होने लगी है। दिल्ली सरकार द्वारा राज्य के नौजवानों को पिछले 3 सालों में नौकरी देने के नाम पर कई करोड़ रुपये खर्च कर दिए और महज 344 लोगों को ही नौकरी दी गई। भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता के द्वारा मांगी गई जानकारी के बाद सरकार की ओर से यह बताया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के रोजगार मंत्री सेे मांगी गई जानकारी पर सरकार की ओर से लिखित जानकारी दी गई है। सरकार की ओर से बताया गया है कि 2015 में 176, 2016 में 102 और 2017 में मात्र 76 लोगों को नौकरी दी गई है।
यहां बता दें कि आम आदमी पार्टी के बड़े नेता आशुतोष और आशीष खेतान के इस्तीफा देने के बाद उसकी मुश्किलों में इजाफा हो गया है। इससे पहले पंजाब के नेता खैरा भी अपनी नाराजगी जताते हुए अलग हो गए थे। सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि रोजगार विभाग ने 3 सालों में राजधानी के 5 रोजगार कार्यालयों में कुल 2.87 लोगों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 8 हजार नाम नियोक्ताओं को भेजे गए।
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गौर करने वाली बात है कि जिन 344 लोगों को नौकरी मिली उनमें से 177 को कंडक्टर, वॉटरमैन और टेम्पररी वॉटरमैन पद पर नियुक्त हुए। सरकार ने इस बात का दावा तो किया कि सरकार की ओर से आयोजित रोजगार मेले में करीब 3 हजार से ज्यादा लोगों को शाॅर्टलिस्ट किया गया लेकिन उनमें से कितनों को नौकरी दी गई इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।