नई दिल्ली। चुनाव के आखिरी समय में वोटरों को गलत तरीका अपनाकर वोटरों को अपने पक्ष में करने वाली राजनीतिक पार्टियां सवाधान हो जाएं। चुनाव आयोग ने ऐसे नेताओं पर नजर रखने की भी तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आयोग ने नेताओं पर नजर रखने के लिए 7 हजार जासूसों की फौज तैयार कर रहा है। इन जासूसों को काम नेताओं की रैली में शामिल होकर यह पता लगाना है कि रैली के लिए कितने पंडाल लगाए गए हैं, कितनी गाड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं और कहीं वोटरों को पैसे और शराब की लालच तो नहीं दी जा रही है।
गौरतलब है कि ऐसा अक्सर देखने में आता है कि राजनीतिक पार्टियां आखिरी वक्त पर वोटरों को पैसे और शराब का लालच देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग राजनीतिक नेताओं पर नजर रखने के लिए करीब 7 हजार लोगों को जासूस के तौर पर तैयार कर रहा है। जिला प्रशासन की ओर से यह व्यवस्था की गई है। खबरों के अनुसार, इसके लिए बूथ स्तर पर जागरुकता समूह भी बनाए गए हैं। खबर है कि एक समूह में तीन खबरी रखे जाएंगे।
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यहां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के चुनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से ऐसी व्यवस्था की जा रही है। जासूसों की फौज राजनीतिक नेताओं की रैलियों पर नजर रखेगी। उनका काम रैली में लगने वाले पंडालों की संख्या, उसमें इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों की संख्या और मतदाताओं को लुभाने की कोशिश पर भी नजर रखना होगा। खबरी यह सारी जानकारी आयोग के आला अधिकारियों को देगा। चुनाव में प्रत्याशियों पर नजर रखे जाने की सारी जानकारी कलेक्टर सुदाम खाडे ने दी।सुदाम खाडे ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची में करीब 18 लाख 54 हजार 847 मतदाता शामिल हैं। 2013 के विस चुनाव के मुकाबले इस बार 543 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। इसबार संख्या 2,259 हो गई है।