मुंबई। लड़कियों के पहनावे को लेकर भारत के कुछ हिस्सों में आज भी बात बताई जाती हैं। जहां समाज का रूढ़िवादी वर्ग लड़कियों के छोटे कपड़े , जीन्स, टॉप पहनने के खिलाफ रहता है। तो दूसरी ओर समाज में आधुनिक सोच रखने वाला वर्ग लड़की और लड़के में बराबरी होने की बातों का समर्थन करते हुए उन्हें अपनी मर्जी के मुताबिक परिधान पहनने का अधिकार देता है। बहरहाल, इन दिनों एक बार फिर परिधान को लेकर समाज के कुछ हिस्सों में बहस जारी है। दरअसल, मुंबई के गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज की प्रिंसिपल स्वाति देशपांडे ने लड़कियों के पहनावे को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। प्रिंसिपल ने कॉलेज की सभी लड़कियों के सख्त आदेश देते हुए सलवार-कमीज पहनने को कहा है। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया है कि अगर लड़कियां सलवार-कमीज पहनें तो उनके हॉर्मोन ठीक रहते हैं।
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प्रिंसिपल स्वाति देशपांडे ने कहा, मैने सुना हैं कि लड़कियों में कम उम्र में ही PCODS ( पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज) की बीमारी हो जाती है। इसका कारण उनका पहनावा होता है। जब वें लड़कों की तरह के कपड़े पहनती हैं तो वे उन्हीं की तरह की सोच रखने लगती हैं। व्यवहार करती हैं। इस तरह से उनके दिमाग में भी एक तरह का जेंडर रोल रिवर्सल हो जाता है। इस कारण उनमें कम उम्र से ही रिप्रॉडक्शन की प्राकृतिक इच्छा कम होने लगती है। इसका परिणाम PCODS जैसी बीमारियों के रुप में सामने आता है।
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ऐसे में बेहतर है कि लड़किया सलवार कमीज पहनें। इसस न केवल उनके हार्मेंन भी ठीक रहेंगे बल्कि उनकी सेहत में भी सुधार आएगा। हालांकि उनके इस बयान को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है। जहां एक तरफ लोग उनके इन बयान को सही ठहरा रहे हैं, वहीं कई लोग उनके बयान को रूढ़ीवादी सोच से लिप्त बता रहे हैं।
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