नई दिल्ली। केंद्र सरकार नए साल में भले ही किसानों को बड़ा तोहफा देने की योजना बना रही हो लेकिन किसानों की बदहाली दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उत्तरप्रदेश के बरेली निवासी प्रदीप कुमार को 19 टन आलू के बेचने के बाद सिर्फ 490 रुपये की बचत हुई। किसान ने इस रकम को प्रधानमंत्री कार्यालय को मनीआॅर्डर कर दिया है। किसान के अनुसार उसे 50 किलो के एक पैकेट पर महज 1 रुपये 33 पैसे की बचत हुई जबकि उसकी लागत 500 रुपये आई थी। यहां बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के किसान ने भी प्याज की फसल को बेचने के बाद मिली रकम को पीएमओ को मनीआॅर्डर कर भेजा था।
गौरतलब है कि यूपी के बरेली शहर के किसान ने बताया कि उसने करीब 19 टन आलू महाराष्ट्र की मंडी में बेचा जिससे उसे करीब 94677 रुपये मिले थे। इस माल को भेजने में बतौर भाड़ा उनका 42,030 रुपये लग गया। इसके अलावा मंडी में आलू की अनलोडिंग के लिए उनको 993 रुपये खर्च करने पड़े।
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यहां बता दें कि आलू की बिक्री कराने वाले दलाल ने कमीशन के 3790 रुपये रख लिए। आलू की किस्म अलग थी इस वजह से उनकी छटाई कराई गई ऐसे में किसान की जेब से 400 रुपये लग गए। आलू की बोरी को दोबारा पैक करने में सुतली प्रयोग की, जिसका बिल 45 रुपये आया। यह आलू चूंकि कोल्ड स्टोर में रखा था, इसका भंडारण खर्च लगभग 46 हजार रुपये आया। सारे बिलों के भुगतान के बाद किसान के हाथ 490 रुपये आए। आपको बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र के एक किसान प्याज की बिक्री के बाद मिली रकम को पीएमओ को भेजा था इसके बाद पीएम मोदी ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बात करने के बाद किसानों के फायदे के बारे में योजना बनाने की बात कही थी। आपको बता दें कि बरेली के किसान ने अपनी बदहाली पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यू की मांग की लेकिन उसपर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।