शिमला। नौकरियों में पदोन्नति पाने के लिए डेपुटेशन पर जाने वाले अधिकारियों को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी पदोन्नति पाने के लिए डेपुटेशन लेकर पावर काॅरपोरेशन और ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन में चले जाते हैं। ऐसा करने वालों को लेकर बोर्ड प्रबंधन सख्त हो गया हैै। डेपुटेशन पर जाने वालों को अब 2 सालों तक वहीं काम करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों की पदोन्नति रोक दी जाएगी।
गौर करने वाली बात है कि हिमाचल प्रदेश में राज्य बिजली बोर्ड से बड़ी संख्या में कर्मचारी ऐसा कर रहे हैं। इस तरह के काम में लगे हुए लोगों पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। बोर्ड प्रबंधन ने नियमों में बदलाव करते हुए स्पष्ट किया है कि डेपुटेशन से 2 साल पहले लौटने वाले अफसरों की पदोन्नतियां रद्द कर दी जाएंगी।
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बिजली बोर्ड ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने डेपुटेशन नियमों को सख्त करते हुए नया प्रावधान किया है कि पावर कारपोरेशन और ट्रांसमिशन कारपोरेशन में जो भी अधिकारी जाएगा, उसे 2 साल तक वहीं पर काम करना होगा। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार पावर कारपोरेशन और ट्रांसमिशन कारपोरेशन में पदोन्नियां लेने के लिए बिजली बोर्ड से कई अधिकारी अपना डेपुटेशन करवा रहे हैं। पदोन्नति मिलते ही यह अधिकारी थोड़े से समय के भीतर बोर्ड में वापस आ जाते हैं। बोर्ड अधिकारियों की इस कारगुजारी पर लगाम लगाने के लिए प्रबंधन ने डेपुटेशन के नियम सख्त कर दिए हैं।