राजकोट । गुजरात के कुछ जिलों में पिछले दिनों ऑनलाइन गेम PUBG को बैन कर दिया गया था, जिससे संबंधित एक नोटिस भी जारी किया गया था। इस सब के बाद राजकोट में एक कॉलेज के मैदान में बैठकर PUBG खेल रहे 10 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । हालांकि कुछ देर बाद इन सभी को जमानत पर छोड़ भी दिया गया । घटना को लेकर पुलिस प्रशासन का कहना है कि हमने यह कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक जहगों पर बैठकर PUBG खेलने वालों को कड़ा संदेश दिया है। पुलिस प्रशासन ने बयान में कहा- हम संदेश देना चाहते हैं कि पबजी को बैन करने वाला नोटिस महज कागज का टुकड़ा नहीं है। यह देश के छात्रों को गुमराह कर रहा है। इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए हम सख्त कदम उठा रहे हैं।
लोग बोले मनोरंजन का साधन- अभिभावक बोले- गंदी लत
उधर, पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के बाद अब आम लोगों में पुलिस की इस कार्रवाई पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग PUBG को लेकर सरकार के रवैये से नाराज बताए जा रहे हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि पबजी गेम मनोरंजन का साधन है और इस पर बैन लगाना गलत है। वहीं पुलिस द्वारा छात्रों को पबजी खेलने पर गिरफ्तार करने की घटना पर स्थानीय लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोग जहां इस महज एक खेल मान रहे हैं, वहीं कई ऐसे अभिभावक हैं, जो इस खेल को अपने बच्चे के हिंसक होने का कारण बता रहे हैं।
पबजी के कारण कई हादसे
इस मामले में गुजरात सरकार का कहना है कि पबजी को लेकर ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं कि बच्चे इस खेल को खेलने के दौरान कई बार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं कई अभिभावकों ने भी अपनी चिंता जाहिर की है कि उनके बच्चों के हिंसक होने का कारण यह पबजी गेम ही है । इन सभी गतिविधियों के चलते इस खेल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया।
सरकार ने जारी किए हैं निर्देश
बता दें कि ऑनलाइन गेम पबजी पर गुजरात सरकार ने पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था। हाल में एक बार फिर से राज्य के शिक्षा विभाग को यह निर्देश जारी किए थे कि यदि बच्चे स्कूल में पबजी या कोई अन्य लत वाले गेम खेलते हैं, उन्हें इनके नुकसान के बारे में बताया जाए और इसकी आदत को छुड़ाया जाए। इसके साथ ही एक नोटिस जारी करते हुए इस खेल को खेलते लोगों पर कार्रवाई का संदेश भी पुलिस प्रशासन की ओर से जारी किया गया था। इस सब के बाद इन छात्रों की गिरफ्तारी पहला मामला था , जिसमें प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई। प्रशासन का कहना है कि वह इस कार्रवाई के जरिए लोगों को सख्त संदेश देना चाहते हैं।