शिमला। हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटक स्थल कुल्लू और मनाली पर भी मौसम का कहर टूटा है। एक साथ कई जगहों पर बादल फटने से सैलाब आ गया है और इसमें बड़ी-बड़ी गाड़ियां बिल्कुल तिनके की तरह बह गई। कुल्लू, चंबा और मंडी जिले में खतरनाक हालात हैं। कुल्लू जिला प्रशासन के अनुसार फोजल, धुंधी और लगवैली में बादल फटने से व्यास का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया। लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने के बाद नदियों में और डैम में पानी का स्तर काफी बढ़ गया इसके बाद मंडी के पंडोह, लारजी, कांगड़ा के सानन और चंबा के चमेरा डैम के गेट खोलने पड़े। डैम के गेट के खुलने से व्यास और रावी नदी में बाढ़ आ गई जिससे रिहाइशी इलाकों में पानी भर गया है।
गौरतलब है कि नदियों में पानी का बहाव इतना तेज हो गया है कि इसमें 2 ट्रक और एक लग्जरी बस बह गए। भारी बारिश और बादल फटने के बाद जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर 9 जिलों कुल्लू, मंडी, चंबा, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, लाहौल, बिलासपुर और किन्नौर के स्कूलों में सोमवार की छुट्टी घोषित कर दी है। राहत और बचाव कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को मौके पर बुला लिया गया है।
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बता दें कि बादल फटने की वजह से मनाली के डोभी में 19 लोग घरों में फंस गए। वायुसेना के हैलीकाॅप्टर ने काफी मशक्कत करने के बाद उन लोगों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला है। एक साथ कई जगहांे पर बादल फटने से राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। पानी के तेज बहाव के चलते फंसे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
गौर करने वाली बात है कि कांगड़ा से लौट रहे भेड़पालकों के 300 मवेशी बाढ़ में बह गए। सैलाब के कारण लारजी और शानन परियोजना में बिजली उत्पादन पानी में सिल्ट बढ़ने के कारण बंद हो गया है। किन्नौर की सांगला का देश-दुनिया से संपर्क कट गया है। हिमाचल प्रदेश में कुदरत के कहर से कुल्लू-मनाली-रोहतांग-लेह, हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग, शिमला-रोहड़ू, नाहन-शिमला, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे स्वारघाट के समीप और चंबा-पठानकोट एनएच तीन जगहों और पठानकोट-मंडी एनएच पर भूस्खलन के चलते यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा प्रदेश भर में करीब 300 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं। पूरे चंबा जिले में एचआरटीसी की बस सेवा ठप हो गई है।