नई दिल्ली। नौकरी करने वाले वर्ग के लिए एक बड़ी बुरी खबर आ रही है। देश में आने वाले समय में 7 लाख लोगों की नौकरी जाने की आंशका जताई जा रही है। इन लोगों पर यह खतरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन की वजह से मंडरा यह है। संयुक्त राष्ट्र की रिसर्च फर्म HFS की जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस खतरे को लेकर भारत को आगाह किया गया है।
यह भी पढ़े- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने 12 वर्षीय बेटे को उतारा राजनीति में, बाल शाखा का गठन कर...
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय आईटी इंडस्ट्री ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। इसकी वजह से कम स्किलड कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। रिपोर्ट का कहना है कि वर्ष 2016 में 24 लाख कम स्किलड कर्माचारी थे। आने वाले वर्ष 2022 तक इनकी संख्या 17 लाख तक भी पहुंच सकती है।
यह भी पढ़े- भारत में बना ई-स्किन सॉफ्टवेयर, ब्यूटी केयर प्रोडक्ट का करेगा परीक्षण
साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा इसका प्रभाव घरेलू आईटी और बीपीओ इंडस्ट्री पर पड़ेगा। भारत में नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इन नौकरियों में कमी आने की आंशका है। इंटरनेशनल लेवल पर भी कम स्किलड कर्मचारियों में 31 फीसदी की कमी आएगी।
यह भी पढ़े- क्रिकेटर गौतम की गंभीर पहल, जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद की बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे
इनके लिए बढ़ सकते हैं नौकरी के अवसर
इसी के साथ अच्छी खबर यह है कि मध्यम सिक्लड और उच्च सिक्लड के लोगों के लिए नौकरियों के अवसर बढेंगे। रिपोर्ट का दावा है कि भारत की आईटी और बीपीओ कंपनियां मध्यम सिक्लड नौकरियां 2022 तक 10 लाख के आंकड़े को छूं लेंगी। वर्तमान में यह आंकड़ा 9 लाख पर है। दूसरी तरफ उच्च सिक्लड लोगों के लिए 2022 तक 5 लाख, 10 हजार नौकरियां होंगी। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 3 लाख , 20 हजार पर था।