नई दिल्ली । देश में एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल की आसमान छू रही कीमतों ने लोगों को परेशान कर दिया है। जहां एक ओर मुंबई में सोमवार को पेट्रोल की कीमतें 81.69 रुपये/लीटर पर पहुंच गईं, वहीं दिल्ली में लोगों को एक लीटर पेट्रोल के लिए 73.83 रुपये चुकाने पड़ रहा है। अगर बात डीजल की करें तो जहां मुंबई में प्रति लीटर डीजल 68.89 रुपये में मिल रही है, वहीं दिल्ली की जनता को एक लीटर डीजल 64.69 रुपये का पड़ रहा है। हालांकि जनता लंबे समय से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए इसे भी जीएसटी के अंतर्गत लाने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार ने फिलहाल इस मांग को टाल दिया है। इस सब के बीच यह जानने का मुद्दा है कि आखिर 35 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलने वाला पेट्रोल आखिर जनता तक पहुंचते-पहुंचते कैसे 80 रुपये को भी पार कर जाता है।
पिछले कुछ समय में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर नजर डालें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिसके चलते भाी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि लोगों को 80 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल मिलने के पीछे अंतरराष्ट्री बाजार में बढ़ी कीमतें ही नहीं हैं, बल्कि देश में इसपर लगने वाली टैक्स व्यवस्था भी है, जो 35 रुपये के तेल को 80 रुपये पर बेचने के लिए बाध्य करती है।
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अगर इंडियन ऑयल कंपनी की दिल्ली के लिए 2 अप्रैल को जारी बिल्ड-अप प्राइस पर नजर डालें तो उसने अंतरराष्ट्रीय बाजार से 76.84 डॉलर प्रति बैरल की दर से कच्चा तेल खरीदा। इसके बाद उसने रिफाइनरी खर्च व अन्य जोड़कर इसे तैयार किया और डीलर को 35.05 रुपये में एक लीटर पेट्रोल बेचा। अब इसके बाद शुरू होता है पेट्रोल की कीमत का बढ़ना। डीलर को 35.05 रुपये/ लीटर की दर से पेट्रोल मिला। इसके बाद उसने इस रकम में अपना 3.60 रुपये का कमीशन जोड़ा, जिसके बाद इसकी कीमत 38.65 रुपये हो गई।
इस सब के बाद इस रकम में केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है। केंद्र सरकार ने एक लीटर पेट्रोल पर 19.48 रुपये का वैट लगा दिया। फिर राज्य सरकार (दिल्ली) ने 15.70 रुपये का वैट जोड़ दिया। इस तरह केंद्र और राज्य स्तर का टैक्स जुड़ने के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 73.83 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। जबकि मुंबई में यही कीम 80 रुपये के पार पहुंच गई है।
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