मेरठ। उत्तरप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके तहत मेरठ काॅलेज प्रशासन ने छात्राओं के लिए एक अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है। काॅलेज प्रशासन से नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि कोई भी छात्रा काॅलेज परिसर में मुंह को ढंककर नहीं आ सकती है। इसके साथ ही काॅलेज के अंदर सभी छात्रों को हमेशा ही अपना पहचान पत्र गले में लटकाकर रखना होगा। मेरठ काॅलेज प्रशासन ने छात्रों को अपना इतिहास बताते हुए कहा कि ऐसा करने से उनकी छवि खराब होती है।
गौरतलब है कि मेरठ काॅलेज में छात्राओं पर निगरानी रखने के लिए चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। अपनी क्लास छोड़कर पार्क में बैठी छात्राओं को कड़ी फटकार लगाई और फैंसी ड्रेस पहनकर आई छात्राओं का काॅलेज परिसर से बाहर निकाल दिया। काॅलेज के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इसकी अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
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यहां बता दें कि मेरठ काॅलेज का इतिहास काफी पुराना है। यहां से देश के पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह, मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, कई राज्यपाल और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शिक्षा ली है। यही नहीं, कुछ छात्रों ने विदेशों में रहकर इस कॉलेज की शान में चार चांद लगाए हैं लेकिन, पिछले कुछ सालों से कॉलेज में पढ़ाई का स्तर बिल्कुल ही गिर गया है। काॅलेज प्रशासन का मानना है कि काॅलेज परिसर में बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है ऐसे में यह राजनीति का अड्डा बन गया है। इस वजह से काॅलेज को यह फैसला लेना पड़ा है। अब बिना आई कार्ड वाले छात्रों को परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा।