इस्लामाबाद।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मशर्रफ ने देश में तानाशाही की हिमायत की है। उन्होंने पाकिस्तान में सैन्य सरकारों की तारीफ करते हुए कहा कि सैन्य शासकों ने हमेशा पाकिस्तान के विकास को पटरी पर लाने का काम किया है, जबकि देश में निर्वाचित सरकारों ने हमेशा ही देश को बर्बाद किया है। इसके साथ ही मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट कर अच्छा किया था। मुशर्रफ ने 1999 में नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट किया था, लेकिन उन्हें इसका कभी अफसोस नहीं रहा।
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बीबीसी उर्दू से साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में नवाज शरीफ के तीसरे कार्यकाल की भारत नीति पूरी तरह बिकी हुई थी। उनका यह साक्षात्कार दुबई में रिकॉर्ड किया गया। दरअसल, 73 वर्षीय मुशर्रफ मार्च 2016 से पाकिस्तान को छोड़ने के बाद दुबई में ही रह रहे हैं।
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मुशर्रफ ने कहा कि नवाज शरीफ को सत्ता से हटाया जाना जनता की मांग थी। उन्होंने शरीफ का तख्तापलट कर पाकिस्तान को बचाया। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि जो कोई भी पाकिस्तान के कल्याण के खिलाफ काम करता है वह देश के खिलाफ है और उसे मार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि देश को बचाने की जरूरत है, तो संविधान को नजरअंदाज किया जा सकता है। उन्होंने पाकिस्तान में सेना द्वारा नागरिक सरकारों से सत्ता अपने हाथ में लेने का बचाव करते हुए कहा कि असली विकास केवल सैन्य शासनों के दौरान हुआ।
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बता दें कि मुशर्रफ कई आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें संविधान का उल्लंघन करने और 2007 में आपातकाल घोषित करने के लिए देशद्रोह का आरोप शामिल है। मुशर्रफ पर दो बार प्रधानमंत्री रही बेनजीर भुट्टो की 2007 में हत्या में शामिल होने का भी आरोप है।