नई दिल्ली। नासा आसमान में अब अद्भुत करिशमा करने जा रहा है। दरअसल, नासा का एक रॉकेट अभियान सफेद कृत्रिम बादल बनाएगा जो रात में आकाश में चमकेंगे। इसके जरिए ऊपरी वायुमंडल में विक्षोभ का अध्ययन किया जाएगा। इस नए कृत्रिम बादलों की सहायता से संचार एवं तकनीकी प्रणालियों को बाधित करते हैं। एक अमेरिकी एंजेसी के मुताबिक ये कृत्रिम बादल रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड के निवासियों को दो रॉकेट फ्लाइट के दौरान 29 अगस्त और 9 सितंबर को दिखेंगे।
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रिपोर्ट के मुताबिक, आइनोस्फीयर में होने वाली घटनाओं का अध्ययन न्यूट्रल डायनामो मिशन करेगा। ये विक्षोभ सूरज डूबने के बाद आइनोस्फीयर में क्षेत्र के नाम से पहचाने जाने वाले एक हिस्से में घटित होते हैं। ये रेडियो संचार, नौवहन और इमेजिंग प्राणलियों को बाधित करते हैं और इस तरह तकनीक के लिए तथा उस पर निर्भर समाज के लिए खतरा पैदा करते हैं। एक रॉकेट ट्राई मिथाईल एल्युमिनियम नाम का पद्धार्थ होगा जो कृत्रिम सफेद बादल बनाएगा।
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