नई दिल्ली। मेरठ के हाशिमपुरा इलाके में 31 साल पहले हुए हत्याकांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए 16 पीएसी के जवानों में से 4 ने गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए 16 पीएसी जवानों को 22 नवंबर तक सरेंडर के लिए कहा था। गौर करने वाली बात है कि कोर्ट ने 31 अक्टूबर को दिए गए फैसले में सभी 16 आरोपी पीएसी के जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि 1987 में मेरठ के हाशिमपुरा इलाके में 42 लोगों का नरसंहार किया गया था। बता दें कि 3 साल पहले आरोपी 16 पीएसी के जवानों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और नरसंहार में बचे जुल्फिकार नासिर सहित कुछ निजी पक्षों की अपीलों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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यहां बता दें कि इस मामले में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका की जांच को लेकर भी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट मंे याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उनकी याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया था। करीब 28 साल तक चले मुकदमे में 21 मार्च 2015 को तीस हजारी कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी 16 जवानों को बरी कर दिया था।