नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने आॅड-ईवन पाॅलिसी लागू करने की योजना बनाई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दोपहिया वाहनों को इस योजना के तहत लाने के निर्देश दिए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट सोमवार को एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी। दिल्ली सरकार की ओर से इस मामले को लेकर पेश हुए अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल ने कहा कि दिल्ली में करीब 68 लाख दोपहिया वाहन हैं और उनपर रोक लगाने से परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। यहां बता दें कि दिल्ली सरकार ने दोपहिया वाहनों को इससे मुक्त रखने का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल ए एनएस नाडकर्णी ने जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता के सामने बताया कि दिल्ली में दो पहिया वाहनों को आॅड-ईवन योजना से बाहर रखने का अनुरोध किया था। बता दें कि इस पर कोर्ट ने पहले भी कहा कि क्या दोपहिया वाहनों से प्रदूषण नहीं होता है?
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यहां बता दें कि एनजीटी ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली सरकार की उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था जिसके जरिए ऑड-ईवन पॉलिसी में दो पहिया वाहनों के लिए छूट मांगी गई थी। एनजीटी ने कहा था इस तरह की छूट दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहतर करने के उद्देश्य के पूरा नहीं करेगी। गौर करने वाली बात है कि इस योजना के तहत ऑड-ईवन संख्या के नंबर वाले वाहनों को हर दूसरे दिन चलने की इजाजत दी जाती है।
गौर करने वाली बात है कि दिल्ली सरकार के अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल ने उन्होंने एनजीटी की ओर दिए गए दिशानिर्देशों का पूरा पालन कर रहे हैं। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने दोपहिया वाहनों को छूट देने के आदेश पर रोक लगा दी है।