पटना। बिहार में भी इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। सोमवार को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की पीठ ने तेजस्वी यादव की ओर से दी गई अर्जी को खारिज कर दिया। बता दें कि इससे पहले उपमुख्यमंत्री बनने पर तेजस्वी यादव को 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। इसके बाद गठबंधन टूटने के बाद सरकार ने तेजस्वी यादव को बंगला खाली करने के आदेश दिए और इसे मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवंटित कर दिया।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव के द्वारा सरकारी बंगला खाली न करने और इसे राजनीतिक बदला बताया गया था। इससे पहले सीएम नीतीश कुमार के बंगले पर लगे सीसीटीवी कैमरे को लेकर भी तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोला था। तेजस्वी ने इसे उनकी जासूसी करवाने का आरोप लगाया था।
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यहां बता दें कि राजद-जदयू गठबंधन के टूट जाने के बाद सरकार की ओर से तेजस्वी यादव को बंगला खाली करने का आदेश दिया गया था। कई नोटिस के बाद भी बंगला नहीं खाली करने पर सरकार ने कोर्ट का रुख किया। तेजस्वी यादव की ओर से भी सरकार के नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले पर न्यायमूर्ति ज्योति शरण की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए तेजस्वी यादव की अर्जी खारिज कर दी। एकलपीठ के फैसले को अपील दायर कर चुनौती दी गई। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की पीठ ने इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब तेजस्वी यादव को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा।