नई दिल्ली। सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सऊदी सरकार अमेरिका की तर्ज पर ही अपने देश में सऊदी फर्स्ट की नीति पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि सऊदी सरकार के इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में वहां रहने वाले भारतीय लोगों ने अपने परिवार या फिर खुद ही नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए हैं। लौटने वाले भारतीयों में ज्यादातर कर्नाटक और केरल के रहने वाले हैं ऐसे में ये लोग अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यहां बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने विदेशियों के लिए फैमिली टैक्स दोगुना कर दिया है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में बड़ी संख्या भारत के लोग मजदूरी, होटलों में काम करने के साथ कार और अन्य शोरूम मंे काम करते हैं। अब सऊदी सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए अपनी नीति में बदलाव किया है जिसके तहत वहां रहने वाले विदेशियों पर फैमिली टैक्स को दोगुना कर दिया है। बता दें कि सऊदी अरब में फैमिली टैक्स पिछले साल से ही शुरू किया गया है। शुरुआत में वहां किसी भी शहर में रहने पर प्रतिव्यक्ति 100 रियाल यानी कि करीब 1828 रुपये टैक्स देना होता था, इस टैक्स को 2018 में बढ़ाकर करीब 3656 रुपये कर दिया गया। बताया जा रहा है कि 2020 तक इसे 4 गुना कर दिया जाएगा।
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यहां बता दें कि फैमिली टैक्स के अलावा बिजली, पानी और ईंधन के दामों में भारी बढ़ोतरी की जा रही है जिससे विदेशी नागरिक सऊदी छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में वहां बसे भारतीय अपने परिवार को या फिर सदस्यों को भारत भेजने को मजबूर हो रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में वहां रहने वाले परिवार भारत वापस आ चुके हैं। वापस लौटे परिवारांे में ज्यादातर केरल और कर्नाटक के लोग हैं। ये लोग प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सऊदी अरब भी अमेरिका की तर्ज पर सऊदी फर्स्ट की नीति पर काम कर रहा है। 2020 तक वहां की सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए इस नीति को बनाया है। यानी अब कंपनियां पहले सऊदी के लोगों को नौकरियां देंगी फिर विदेशियों को नौकरी दी जाएगी।