नई दिल्ली । आने वाले 7 सालों में अगर लोगों ने अपने काम की गति में इजाफा और अपने कौशल विकास की ओर ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है कि बड़ी संख्या में लोगों को अपने घर बैठना पड़े। असल में विश्व आर्थिक मंच ( WEF) ने एक अध्ययन जारी किया है, जिसमें सामने आया है कि अगर 2025 तक लोगों के लिए नई भूमिकाएं नहीं तलाशी गईं, या लोगों ने अपने काम की गति में इजाफा करने के साथ ही अपने कौशल विकास की गति में इजाफा नहीं किया तो मौजूदा कार्यभारों का 52 प्रतिशत कार्य रोबोट संभाल लेंगे। हालांकि अभी वह इसका आधा काम संभाल रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में रोबोट के जरिए काम में गति आएगी।
कंप्यूटर कार्यक्रमों के साथ गति बढ़ाएं
असल में डब्ल्यूईएफ ने सोमवार को यह अध्ययन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि आने वाले कुछ सालों में मानवजाति के लिए ‘नई भूमिकाओं’ में इजाफा देखा जाएगा। इतना ही नहीं मशीनों एवं कंप्यूटर कार्यक्रमों के साथ हम कैसे कार्य करें और इनकी गति के साथ कैसे तालमेल बैठाएं, इसके लिये मानव को अपने कौशल का उन्नयन करना होगा।
2015 तक मशीनों के दोगुना होगा काम
संगठन के इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में इस समय मशीनों के माध्यम से करीबन 29 फीसदी काम हो रहे हैं । हालांकि अगर लोगों ने अभी मशीनों की गति के साथ तालमेल नहीं बैठाया तो वर्ष 2025 तक मौजूदा कार्यभारों का तकरीबन आधा मशीनों के माध्यम से संपन्न होगा।
जरूरत होगी मानव कौशल की
डब्ल्यूईएफ के इस अध्ययन के अनुसार ई-कॉमर्स एवं SOCIAL MEDIA सहित सेल्स, मार्केटिंग और कस्टमर सर्विस जैसी जिन नौकरियों में ‘‘मानव कौशल’’ की आवश्यकता होती है उनमें मानव कौशल में इजाफा देखा जा सकता है । जानकारों का कहना है कि सही में यह अध्ययन काफी चिंताजनक है, जिस तरह बड़े बड़े कारखानें अब पूरी तरह रोबोट और मशीनों के माध्यम से चल रहे हैं, उसने पहले ही रोजगार की संभावनाओं को हाशिए पर ला दिया है। ऐसे में लोगों को अपने कौशल विकास की ओर ध्यान देना ही होगा।