लखनऊ । यूपी के अगले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। सूबे में प्रचंड बहुमत पाने के बाद पिछले 5 दिनों से सीएम के नाम को लेकर चल रही चर्चा का आखिरकार इस घोषणा के साथ अंत हो गया है। बताया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया । अब रविवार को लखनऊ के स्मृति उपवन में वह पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। यह पहला मौका होगा जब सूबे में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री होंगे। हालांकि जानकारों का कहना है कि इसके जरिए भाजपा ने सूबे के जातीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश की है।
जय श्री राम के लगे नारे
बता दें कि जैसे ही योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने की खबर उनके समर्थकों तक पहुंची, बाहर मौजूद हजारों समर्थों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। इन लोगों का कहना है कि वह ही ऐसे नेता हैं जो उत्तर प्रदेश के गुंडाराज को खत्म करेंगे। वह न केवल राम मंदिर बनवाने के लिए काम करेंगे बल्कि सूबे के विकास के लिए मोदी सरकार की नीतियों को पूरी तरह राज्य में लागू करवाएंगे।
राजनाथ-मौर्य-मनोज सिन्हा ने खारिज की थी दावेदारी
बता दें कि पिछले पांच दिनों के अंदर राजनाथ सिंह , कैशव प्रसाद मौर्य से लेकर मनोज सिन्हा का नाम यूपी के मुख्यमंत्री की दौड़ में बताया जा रहा था हालांकि इन सभी नेताओं ने खुद को पहले ही इस दौड़ से बाहर करार दिया था। इस बीच योगी आदित्यनाथ को एक हिन्दुस्तवादी विचार धारा से जुड़ा नेता होने के नाते संगठन उन्हें कमान सौंपने के लिए हिचक रहा था।
कट्टरवाद को लेकर विवादों में रहे
बता दें कि योगी आदित्यनाथ अपने कट्टरवाद के लिए यूपी में खासे पहचाने जाते हैं। देश में कई मुद्दों पर उनके बयानों ने विवादों का रूप लिया। चाहे वह दादरी कांड पर उनका बयान ह या लव जिहाद को लेकर उनकी सोच। बता दें कि लव जिहाद को लेकर उनका एक बयान काफी वायरल हुआ था जिसमें वह वो अपने समर्थकों से कह रहे थे कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे। इतना ही नहीं फरवरी 2015 में विहिप के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वह देश की सभी मस्जिदों में गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे।
जानिए कौन है योगी आदित्यनाथ
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले रहने वाले अजय सिंह बिष्ट का जन्म 5 जून 1972 में हुआ था। किन्ही कारणों से उन्होने अपना घर छोड़ दिया और गोरखपुर के गोरखनाथ मठ में रहने लगे। बाद में वह इस मठ के प्रमुख के रूप में सामने आए। वर्ष 1998 में वह पहली बार गोरखपुर से सांसद बने। उस दौरान उनकी उम्र मात्र 26 साल थी।