नई दिल्ली । अमूमन खेलों में खेल भावना को बनाए रखने की नसीहत एक अच्छा कोच अपने खिलाड़ी को जरूर देता है। लेकिन मौजूदा समय में खेलों में से ये खेल भावना शायद कहीं खो गई है। हर किसी को बस अपनी जीत नजर आती है और हारने या जीतने पर वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते। इस सब से इतर 18वें एशियाड खेलों में एक ऐसा लम्हा नजर आया, जिसने देखने वालों की आंखें नम कर दीं। असल में यह नजारा दर्शकों के सामने उस समय आया जब एशियाई खेलों के चौथे दिन ईरान के वुशू खिलाड़ी इरफान ने अपनी खेल भावना का ऐसा प्रदर्शन किया कि हर ओर अब उनकी ही चर्चा हो रही है। इरफान ने अपने शानदार खेल से न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि अपनी खेल भावना से लोगों के दिलों में अपने नाम की छाप छोड़ दी।
असल में खेलों के चौथे दिन ईरान के वुशु खिलाड़ी इरफान का मुकाबला भारतीय खिलाड़ी भानू प्रताप सिंह के साथ था। हालांकि की मुकाबले के दौरान भानू काफी चोटिल हो गए, बावजूद उन्होंने अपना प्रदर्शन जारी रखा। चोटिल होने के चलते भानू यह प्रतियोगिता हार गए। इरफान ने भानू के चोटिल होने से पहले शानदार खेल का प्रदर्शन किया था, लेकिन जीतने के बाद उन्होंने जो किया, उसने इरफान को सुपरहिरो बना दिया। असल में रेफरी द्वारा इरफान को विजयी घोषित करने के बाद वह उत्तेजित होकर अपना जश्न मनाने के बजाए, चोटिल भानू को अपनी गोद में उठा बैठे। इसके बाद वह खड़े भी नहीं हो पा रहे भानू को रिंग के बाहर तक छोड़ा।
जैसे ही दर्शकों ने इरफान की इस खेल भावना को देखा, कई लोग भावुक हो गए। पूरा स्टेडियम इरफान-इरफान के नाम से गुंजायमान हो गया। इरफान ने भी भानू के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
हालांकि वुशु में भारत की ओर से नैरोम रोशिबिनी देवी, संतोष कुमार, सूर्य भानु प्रताप सिंह और नरेंद्र ग्रेवाल ने देश के लिए कांस्य पदक जरूर जीते।