बंगलुरु। कुछ सालों पहले टीम इंडिया के लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद तत्कालीन कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी बरकरार रखने के पीछे बीसीसीआई के उस वक्त के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का हाथ था। इस बात की पुष्टि खुद श्रीनिवासन ने की है। श्रीनिवासन और धोनी के बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं। उनके कार्यकाल में महेन्द्र सिंह धोनी को टीम के हित में फैसले लेने की पूरी छूट मिली हुई थी। बता दें कि आईपीएल में श्रीनिवासन की टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के कप्तान भी थे।
श्रीनिवासन का वीटो
गौरतलब है कि एक पत्रकार द्वारा लिखी गई किताब में एन श्रीनिवासन ने इस बात का खुलासा किया है कि 2012 में आॅस्ट्रेलिया दौरे पर लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद महेन्द्र सिंह धोनी को उनके वीटो के कारण ही कप्तान बनाए रखा गया जबकि उस वक्त के चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ उन्हें हटाना चाहते थे। श्रीनिवासन ने कहा कि ऐसा कर उन्होंने कोई बुरा काम नहीं किया। श्रीनिवासन ने कहा कि एक साल पहले देश को विश्वकप जिताने वाले कप्तान को ऐसे कैसे हटाया जा सकता है।
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स्पाॅट फिक्सिंग पर तोड़ी चुप्पी
यहां आपको बता दें कि इस किताब में श्रीनिवासन के साथ संबंधों पर बोलते हुए धोनी ने कहा कि ‘वे हमेशा ही क्रिकेट के हितों में फैसले लेने वाले व्यक्ति रहे हैं, मुझे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं।’ आईपीएल में हुई स्पाॅट फिक्सिंग पर भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पूर्व कप्तान ने कहा कि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को लेकर मैंने कभी भी यह नहीं कहा कि वह ‘एंथुजियास्ट’नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि टीम के फैसले में उसका कोई दखल नहीं होता है। साल 2013 में आईपीएल में हुए स्पाॅट फिक्सिंग पर बोलते हुए धोनी ने कहा कि कोई मेरी कितनी भी आलोचना करे, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, हां अगर क्रिकेट को लेकर अगर मुझ पर किसी तरह का इल्जाम लगाया जाएगा तो मुझे भी मीडिया से दूरियां बनानी पडेगी।