रांचीः भारतीय कप्तान विराट कोहली का कमिटमेंट जबर्दस्त है। कंधे में चोट के बावजूद वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में भारत की पहली पारी में बैटिंग करने के लिए उतरे हैं। मैच के पहले ही दिन फील्डिंग के दौरान विराट के दाएं कंधे में चोट लग गई थी। उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा था और गुरुवार शाम को रांची में उनका एमआरआई स्कैन कराया गया था। इसके बाद पता चला था कि विराट के कंधे के लिगामेंट्स में खिंचाव आ गया है। हालांकि वह टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके और मात्र 6 रन बनाकर आउट हो गए।
रांची में डॉक्टरों ने उन्हें 7 से 10 दिन तक आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन विराट ने कहा था कि आस्ट्रेलिया के साथ सिरीज औऱ यह मैच बहुत अहम है। मेरा खेलना जरूरी है। अपने किए वादे को निभाते हुए विराट कोहली मैच के तीसरे दिन शनिवार को तीसरे नंबर पर बैटिंग करने के लिए उतर आए। हालांकि वह अधिक देर तक क्रीज पर टिक नहीं सके और 6 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए।
10 दिन आराम की थी सलाह
विराट के बुलंद इरादे और देश के लिए कमिटमेंट इसी बात से जाहिर होते हैं कि उन्होंने रांची में मैच शुरू होने से पहले नेट्स पर बैटिंग की काफी देर तक प्रैक्टिस की। विराट कोहली की मौजदगी इस मैच में टीम इंडिया के लिए बहुत अहम है। आस्ट्रेलिया ने कप्तान स्टीव स्मिथ की सेंचुरी से पहली पारी में 451 रन का बड़ा स्कोर बनाया है। भारत ने तीसरे दिन लंच तक 2 विकेट पर 193 रन बना लिए थे।
कुंबले ने पट्टी बांधकर की थी बॉलिंग
इसके पहले भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई अन्य खिलाड़ी भी चोटिल होने के बावजूद टीम की जरूरत के लिहाज से मैदान पर उतर चुके हैं। सबसे अहम नाम आता है, पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले का। कुंबले इस समय भारतीय टीम के चीफ कोच भी हैं। 2002 मई में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा टेस्ट मैच में कुंबले के जबड़े में गंभीर चोट लग गई थी। उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा था औऱ उनके जबड़े में बैंडेज की गई थी। उस समय महान बल्लेबाज ब्रायन लारा बैटिंग कर रहे थे। कुंबले ने भारतीय टीम की जरूरत के लिहाज से जबड़े की चोट के दर्द को भुलाकर 14 ओवर तक गेंदबाजी की और लारा का अहम विकेट भी हासिल किया।
कपिल देव भी कर चुके ऐसा
महान आलराउंडर कपिल देव ने भी 1980-81 के आस्ट्रेलिया दौरे पर ऐसा ही कमाल किया था। मेलबर्न टेस्ट मैच में भारत 143 रन के छोटे स्कोर को डिफेंड कर रहा था और कपिल देव ग्रोइन इंजरी के कारण खेल पाने की स्थिति में नहीं थे। मौके की नजाकत और टीम की जरूरत को देखते हुए कपिल देव ने पेनकिलर इंजेक्शन लेकर खेलने का फैसला किया और आस्ट्रेलिया के मिडिल आर्डर को शानदार बॉलिंग से उखाड़ फेंका।
संदीप पाटिल ने तो छुड़ा दिए थे छक्के
भारत के महान बल्लेबाजों में शुमार किए जाने वाले संदीप पाटिल भी गंभीर चोट के बावजूद मैदान पर खेलने का जज्बा दिखा चुके हैं। पाटिल ने 1980-81 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही टेस्ट में सिर पर गेंद से गंभीर चोट लगने के बावजूद बैटिंग की थी। पाटिल की चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और 10 घंटे तक सोने नहीं दिया गया था। अगली सुबह पाटिल मैदान में उतरे और अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी बनाई।