नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर भले ही विवाद चल रहा हो लेकिन चीन ने भारतीय खेल के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मोबाइल बनाने वाली चीन की कंपनी वीवो ने अगले पांच सालों के लिए आईपीएल की टाइटल स्पाॅन्सरशिप हासिल कर ली है। इसके लिए कंपनी ने करीब 2199 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
5 सालों के बना स्पाॅन्सर
गौरतलब है कि भारत की राष्ट्रीय टीम की स्पाॅन्सरशिप चीनी कंपनी ओपो के पास है। वीवो हर साल कंपनी आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप पर तकरीबन 440 करोड़ रुपये खर्च करेगी। आपको बता दें कि बीसीसीआई ने 1 अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2022 के बीच पांच साल के स्पॉन्सरशिप राइट्स के लिए आवेदन मंगाए थे। वीवो इससे पहले 9वें और 10वें सीजन में आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर रह चुके है। इसके लिए उसने 100 करोड़ रुपये प्रति सीजन खर्च किए थे।
पहले पेप्सी था स्पाॅन्सर
गौर करने वाली बात यह है कि वीवो से पहले आईपीएल का स्पॉन्सर पेप्सी था। पेप्सी ने पांच साल के लिए 396 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल की थी। अब नई डील के अनुसार वीवो ने पेप्सी से साढ़े चार गुना ज्यादा रकम खर्च की है।