नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के 'दबंग' और सिक्सर किंग के नाम से मशहूर बल्लेबाज युवराज सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया । मुंबई में आयोजित एक प्रेस वार्ता में युवराज सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि मेरे पिता का सपना था कि मैं एक क्रिकेटर बनूं । मैंने वह सपना पूरा किया । उन्होंने कहा कि अब मैं कैंसर के मरीजों की मदद करूंगा । भारत के 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत के हीरो रहे 37 वर्षीय युवराज सिंह ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था । वहीं युवी ने अपना आखिरी टी-20 मैच 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला। इसी क्रम में आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था ।
अपने सन्यास का ऐलान करने के दौरान युवराज सिंह काफी भावुक नजर आए । उन्होंने कहा कि मैंने 18 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गुजारे, इस पूरे समय में मेरा खेल से लव-हेट का रिश्ता रहा । विश्वकप में बेहतर प्रदर्शन करने के दौरान मुझे कैंसर होने का पता चल गया था , लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी ।
युवी ने कहा कि 2011 का विश्वकप जीतना मेरे लिए एक सपने के पूरा होने जैसा था । इस दौरान युवी बोले की मैंने अपने खेल के करियर के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं । इस दौरान युवराज सिंह ने पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली द्वारा उनमें विश्वास जताए जाने का आभार प्रकट किया ।
बता दें कि अपने क्रिकेट करिया में 40 टेस्ट खेले , 308 वनडे और 58 टी -20 मैच खेले । जानकारी के मुताबिक युवराज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी टी-20 लीग में खेलना चाहते हैं । युवी विदेशी टी-20 लीग में फ्रीलांस क्रिकेटर के तौर पर खेल सकते हैं । BCCI के एक सूत्र ने कहा युवराज BCCI से बात करना चाहते हैं. वह BCCI से जीटी-20 (कनाडा) और आयरलैंड व हॉलैंड में यूरो टी-20 स्लैम में खेलने के बारे में बातचीत करेंगे, क्योंकि उन्हें इन सभी लीग में खेलना का ऑफर मिला है । युवराज इस साल आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेले, लेकिन उन्हें अधिक मौके नहीं मिले। युवी ने इस साल आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से 4 मैचों में कुल 98 रन बनाए. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 53 रन रहा।