पटना । प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस का महासचिव बनाए जाने के बाद से पार्टी और कार्यकर्ताओं-नेताओं में एक नया जोश भर गया है। इस सब के बीच आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी को ध्यान में रखते हुए बिहार कांग्रेस ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार में एनडीए की चुनौतियों को तैयार करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व में एकत्रित हो रहे दलों से कांग्रेस ने खुद को अलग करने के संकेत दिए हैं। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में राजद के पीछे-पीछे नहीं चलेगी। काग्रेंसी विधायकों ने हाल में एक बैठक कर NDA के सामने गठबंधन में राजद से बराबरी की सीटों का हक मांगा है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जब तक राजद काग्रेस के साथ सांमजस्य नहीं बैठाती कांग्रेस सदन में राजद का समर्थन नहीं करेगी।
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बैठक में लिए गए अहम फैसले
जानकारी के अनुसार , बिहार विधानसभा में राजद के रुख को देखते हुए कांग्रेसी विधायकों ने बुधवार शाम सदानंद सिंह के घर एक बैठक की। कांग्रेस विधानमंडल दल की इस बैठक में 27 में से मात्र 14 विधायक और 3 MLC शामिल हुए । यूं तो इस बैठक के प्राथमिक बिंदुओं में बजट सत्र में कांग्रेस की भूमिका को तय करना था, लेकिन इस दौरान ज्यादातर कांग्रेसी विधायक राजद के रुख से नाराज आए। सभी का कहना था कि राजद के हंगामे के चलते और वॉक आउट के चलते सदन चल ही नहीं पाया।
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राजद को कांग्रेस के साथ समन्वय बनाना होगा
इस दौरान बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि अब कांग्रेस सदन में और राज्य में राजद के पीछे-पीछे नहीं चलेगा। सदन में अगर राजद को कांग्रेस का साथ चाहिए तो उन्हें पार्टी के साथ समन्वय बनाना होगा। पार्टी ने साफ किया कि दोनों दलों की आम सहमति बनाए जाने के बाद ही वे सदन का वॉक आउट करेंगे, लेकिन जिन मुद्दों पर दोनों दलों की आम सहमति नहीं होगी, उनपर दोनों दल सदन का वॉक आउट नहीं करेंगे।
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