लखनऊ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले विस्फोटक को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। आगरा की फोरेंसिक लैब ने कहा कि विधानसभा में जो संदिग्ध पाउडर मिला था, वह विस्फोटक पीईटीएन नहीं है। हालांक उत्तर प्रदेश सरकार इस टेस्ट रिपोर्ट को मानने से इनकार कर रही है। सरकार का कहना है कि पाउडर को जांच के लिए आगरा नहीं भेजा गया था, क्योंकि आगरा लैब में जांच के लिए मशीन उपलब्ध नहीं है। सरकार का कहना है कि लखनऊ की फॉरेंसिक साइंस लैब ने 14 जुलाई को की गई शुरुआती जांच के बाद संदिग्ध पाउडर में PETN विस्फोटक मिलने की पुष्टि की थी।
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आगरा फोेरेंसिक लैब के डिप्टी डायरेक्टर एके मित्तल की अगुवाई में इस पाउडर की जांच हुई है। लैब रिपोर्ट के मुताबिक, पाउडर में किसी भी विस्फोटक के कण नहीं मिले हैं. इस जांच टीम में विस्फोटक जांच के एक्सपर्ट भी शामिल थे। आगरा लैब के एक अधिकारी ने बताया कि अगर आगरा के अलावा और कोई भी लैब इसकी जांच करती है तो उसे भी यह पता चलेगा कि वो पीईटीएन का पाउडर नहीं है। प्रशासन के अधिकारियों ने हैदराबाद की एक लैब में भी इसके सैंपल भेजे थे, उसमें भी यही पता चला है कि वो पाउडर मैग्नेशियम सलफेट है। जो बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 12 जुलाई को विधायक की कुर्सी के नीचे संदिग्ध पाउडर मिला था, जिसके बाद हड़कंप मच गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे आतंकी साजिश करार देते हुए इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग की थी। फिलहाल एनआईए और यूपी एटीएस इस मामले की जांच कर रही हैं।
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