जयपुर । विधानसभा चुनावों में जीत के बाद लोकसभा चुनाव प्रचंड हार का सामना करनेव वाली राजस्थान कांग्रेस में इस समय काफी उथलपुथल मची हुई है । पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अपने बेटे के लिए ही चुनाव प्रचार में जुटे रहने के आरोप लगाए थे । इस सब के बाद गहलोत के बेटे वैभव गहलोत हार गए । अभी पार्टी के भीतर आरोप प्रत्यारोप का यह दौर चल ही रहा था कि इस बीच अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा कि उनके बेटे की हार की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को लेनी चाहिए । इस सब के चलते पार्टी के भीतर एक बार फिर से दिग्गज नेताओं के बीच गतिरोध साफ नजर आ रहा है ।
विदित हो कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को पछाड़ने वाली कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनावों में पूरी तरह से पस्त हो गई है । एक बार फिर से राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया । इस सब के बीच एक साक्षात्कार में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा -सचिन पायलट ने कहा था कि हम बड़े बहुमत से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि जोधपुर लोकसभा सीट में हमारे 6 विधायक जीते हैं। हमने वहां अच्छा प्रचार किया है...अब सचिन पायलट को कम से कम जोधपुर में हुई हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
हालांकि पार्टी की राज्य में हुई बड़ी हार को लेकर अशोक गहलोत पहले यह भी कह चुके हैं कि यह सबकी जिम्मेदारी है, चाहे वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हों या फिर मुख्यमंत्री । इतनी बड़े पैमाने पर हार समझ से परे हैं। जब अशोक गहलोत से इस इंटरव्यू में पूछा गया कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा है कि कुछ कांग्रेस नेता पार्टी के हितों को किनारे रखकर अपने बेटों को ही आगे बढ़ाने में लगे रहे तो उनका कहना था कि ऐसी बैठकों की कुछ गोपनीयता होती है । जो कुछ भी अंदर कहा गया है उसे वहीं रहने देना चाहिए।
उनके इस बयान पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने हैरानी जताई है हालांकि उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। कुल मिलाकर एक बार फिर राजस्थान में दो बड़े कांग्रेसी नेताओं के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आ रही हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों में तनाव हो चुका है । दोनों ने मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दौर की बैठकें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ की थीं। उस दौरान पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत को राज्य की कमान सौंपते हुए सचिन पायलट की नाराजगी को देखते हुए उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया था ।