लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को बसपा के संस्थापक काशीराम के जयंती पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इस दौरान मायावती ने कहा कि परम पूज्यीय भीमराव अंबेडकर की तरह देश की सरकारों ने काशीराम जी की उपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि हम आगामी लोकसभा चुनावों में गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं। इस दौरान खबरें आईं कि आगामी 19 अप्रैल को मायावती मैनपुरी में सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगी । इतना ही नहीं अखिलेश यादव और मायावती उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर साझा रैली भी करेंगे। इस सब के बीच खबर यह भी है कि इस बार मायावती लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि अभी इन बातों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुआ है।
बता दें कि यूपी में लोकसभा चुनावों के लिए धुर विरोधी रहे सपा-बसपा ने भाजपा को चुनौती देने के लिए गठबंधन किया है। इस दौरान कांग्रेस को अपने गठबंधन में शामिल न करते हुए हुए दोनों ही दलों ने उसे जनाधार विहिन पार्टी करार दिया। इस सब के बीच सपा-बसपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की तीन सीटें रालोद को देते हुए उसे भी अपने गठंबधन में शामिल किया है। इस सब के बीच काशीराम की जयंती के मौके पर मायावती ने कहा कि हम गठबंधन के सभी उम्मीदवारों के लिए पूरी ताकत से खड़े रहेंगे।
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1993 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब मायावती मुलायम सिंह यादव के लिए प्रचार करेंगी। मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैनपुरी से उम्मीदवार हैं। सपा-बसपा के गठबंधन के बाद कई बार मुलायम सिंह यादव इसकी आलोचना करते रहे हैं, इस सब के बावजूद अब मायावती मैनपुरी में एक रैली को भी संबोधित करते हुए मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेंगी।
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इससे इतहर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायत करेगा। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें देश के कई एयरपोर्ट और पेट्रोल पंप पर नज़र आ रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि ये आचार संहिता का उल्लंघन है. आरपीएन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा।
इतना ही नहीं , विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। विपक्षी पार्टियों की अपील है कि इस बार चुनाव में 50 फीसदी ईवीएम-वीवीपैट के मतों की गिनती का मिलान होना चाहिए।