चंडीगढ़। कभी हाॅरर किलिंग तो कभी आॅनर किलिंग के लिए मशहूर रहने वाले हरियाणा की बेटियों ने दुनिया भर में अपना नाम रोशन किया है। शायद इसी बात को तस्दीक यह डायलाॅग भी करता है कि ‘म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के’। इस बात को हरियाणा की ही एक और बेटी ने चरितार्थ कर दिखाया है। हैरानी की बात यह है कि इसके मां-बाप दोनों ही अनपढ़ हैं। इसके बावजूद सीमा ने छोटी सी उम्र में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में स्पेशलाइजेशन किया और उसका चयन देश के प्रसिद्ध मेडिकल काॅलेज में बतौर कैंसर रोग विशेषज्ञ हुआ है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
सीमा ने पेश की मिसाल
ये हैं हरियाणा के फतेहाबाद जिले में टोहाना की रहने वाली सीमा पूनिया। इनका चयन देश के सुप्रसिद्ध सरकारी मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोग विशेषज्ञ के तौर पर हुआ है। माता-पिता के अनपढ़ होने के बावजूद सीमा ने यह उपलब्धि हासिल कर न केवल उनका बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है। आपको बता दें कि 23 वर्षीय सीमा पूनिया के पिता कपूर सिंह खेती करते हैं और मां शीला गृहिणी हैं। दोनों ही पढ़े-लिखे नहीं है, लेकिन उनका सपना था कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर उनका नाम रोशन करे। सीमा ने न सिर्फ उनके सपनों को जिया बल्कि उसे पूरा भी कर दिखाया।
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बेटी ने किया कमाल
गौरतलब है कि सीमा पूनिया ने जोधपुर के कैंसर रोग विशेषज्ञ कॉलेज एस.एन. मेडिकल कॉलेज की ब्रांच में मेडिकल फिजिस्ट के पद पर भर्ती के लिए 20 जुलाई को साक्षात्कार दिया था। इसमें कुल 6 लोगों ने भाग लिया था। 3 छात्र मुंबई से आए थे जबकि 2 मथुरा से आए थे। इन सभी को पछाड़कर सीमा ने यह पद हासिल कर लिया। सीमा के माता-पिता उसकी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। सीमा की मां शीला देवी ने बताया कि आज के समय में लोग बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। वे उन्हें संदेश देना चाहते हैं कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है। आपको बता दें कि बारहवीं के बाद सीमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी फिजिक्स में ऑनर्स किया। सीमा ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मेडिकल फिजिक्स में एमएससी की है।