जयपुर। मौसम का पारा चढ़ने के साथ वनों से आच्छादित क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं तेज हो गई हैं। राजस्थान का कश्मीर कहे जाने वाले माउंट आबू में अरावली की पहाड़ियों में लगी आग की लपटें बुझी भी नहीं थी कि शनिवार को कुम्भलगढ़ से आग लगने की खबर आ गई। आग इतनी भयानक थी कि पूरे आकाश में धुएं का गुबार छा गया। आसपास के सभी होटलों को बंद कर दिया गया है। आग को बुझाने के लिए सेना के 2 हेलीकाॅप्टरों को लगाया गया है।
राहत और बचाव कार्य जारी
गौरतलब है कि माउंट आबू में हनीमून प्वाइंट और सनसेट प्वाइंट के जंगलों में करीब 16 जगहों पर आग लगी हुई है। आग को बुुझाने के लिए वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही थी लेकिन खराब स्थिति को देखते हुए दूसरा हेलीकॉप्टर भी सेना ने लगा दिया है। दोनों हेलीकॉप्टर नक्की झील से पानी ले जाकर लगातार आग वाले स्थानों पर डाल रहे हैं। इसके साथ ही, सीआरपीएफ के 150, राज्य पुलिस के 200 एवं सेना के जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
स्थानीय प्रशासन कर रही प्रयास
माउंट आबू के जंगलों में लगी आग ने दो दिन पहले ही विकराल रूप धारण कर लिया था उसे बुझाने के लिए सीआरपीएफ और सेना के संसाधन नाकाम साबित हुए थे। इसके बाद हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। अब कुम्भलगढ़ के जंगलों में आग लगने की खबर आ गई है। फिलहाल वहां स्थानीय प्रशासन ही आग पर काबू करने की कोशिश कर रहा है।
धुएं का गुबार फैला
कुम्भलगढ़ में लगी आग से पूरे इलाके में धुएं का गुबार फैल गया है। यहां आने वाले सैलानियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने खतरे के कारण नक्की झील बंद करवा दी गई है। यहां दिखाई देने में भी परेशानी हो रही है। साथ ही, पहाड़ियों पर स्थित होटल भी बंद करवा दिए गए हैं। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि कुछ लोग जंगल में मधुमक्खियों के छत्ते से शहद निकालने के लिए धुंआ करने को आग का सहारा लेते हैं। कई बार चिंगारी सूखी पत्तियों व लकड़ियों पर गिर जाती है। जिससे वह हवा के साथ आग में बदल जाती है और धीरे-धीरे जंगल में फैलने लगती है।