लखनऊ। उत्तरप्रदेश में मुस्लिम महिला पर अत्याचार का एक अनोखा मामला सामने आया है। उसके पति ने बेटी की स्कूल फीस मांगने पर उसक तलाक दे दिया। अब तलाक मिलने के बाद महिला और बेटी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। हालांकि पुलिस ने महिला के पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कर लिया है। महिला सुरक्षा के सरकार के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि मामला रुपईडीहा कस्बे के रहने वाले यूनूस की बेटी शगूफा का है। उसका निकाह 17 वर्ष पहले नौशाद से हुआ था। पति बेरोजगार था इसलिए उसने सिलाई-कढ़ाई करके पति के लिए आॅटो रिक्शा का बंदोबस्त किया। नौशाद आॅटो रिक्शा के जरिए परिवार की आर्थिक मदद करने के बजाय आॅटो ही जुए में हार गया। ऐसे में परिवार के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया। भरी आर्थिक संकट के बाद भी शगूफा अपनी बेटी को पढ़ाती रही लेकिन स्कूल की फीस जमा नहीं होने से उसे स्कूल से भी निकाल दिया गया।
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बताया जा रहा है कि 3 अगस्त को शगूफा ने पति नौशाद के घर पर आने पर उससे स्कूल की फीस मांगी। फीस का बात सुनते ही नौशाद गुस्से से लाल हो गया और तीन बार तलाक बोलकर दोनों मां-बेटी को घर से बाहर निकाल दिया। इधर-उधर भटकने के बाद शगूफा रुपईडीहा थाने पहुंची और पति के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर पर पुलिस ने पति के खिलाफ देर शाम घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल वह एक रिश्तेदार के घर पर शरण ली हुई है।
पुलिस का कहना है कि महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और विवेचना में जो भी सच्चाई सामने आएगी उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।