पटना। बिहार की राजनीति में भी इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन की सरकार चला रहे भाजपा और जनता दल युनाईटेड के बीच तल्खी सामने आने लगी है। जदयू के नेता संजय सिंह ने कहा भाजपा के बड़बोले नेताओं को नियंत्रण में रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बात अच्छी तरह से पता है कि बिहार में जनता दल युनाईटेड की मदद के बिना वह चुनाव नहीं जीत सकती है। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव में बहुत बड़ा अंतर है। अगर भाजपा को सहयोगी पार्टी की जरूरत नहीं है तो वह बिहार में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
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गौरतलब है कि आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन की दोनों पार्टियों के बीच तनातनी सामने आने लगी है। साल 2015 के चुनाव को आधार बनाकर जदयू इस बार भी भाजपा से ज्यादा सीटों की मांग कर सकती है। वहीं भाजपा ने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस और राजद के गठबंधन की वजह से ज्यादा सीटें दी गई थी। जनता दल युनाईटेड का कहना है कि उस समय और अब के समय में काफी अंतर है। पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि बिहार में भाजपा के लिए बिना जदयू के सहारे के चुनाव जीतना संभव नहीं है।
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यहां बता दें कि हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपने बयान में कहा कि आने वाले समय में अगर नीतीश कुमार अपने फैसले को बदलकर महागठबंधन में शामिल हो भी जाते हैं तो 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही होंगे। बता दें कि सीटों के बंटवारे पर भाजपा और जदयू के बीच तनातनी सामने आने लगी है। हालांकि एनडीए के नेतओं के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है।