बेंगलुरु । जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन वाली कर्नाटक की कुमार स्वामी सरकार पर गठन के बाद से ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेसी विधायकों के रुख से नाराज सीएम कुमार स्वामी गुस्से में पद छोड़ने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब स्थिति यह आ गई है कि शायद सरकार आने वाले कुछ दिनों में गिर ही जाए। असल में कांग्रेस के एक और विधायक उमेश जाधव ने इस्तीफा दे दिया है। वह भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में बताए जा रहे हैं और कहा जा रहा है जल्द ही वह अपने हाथ में कमल थाम सकते हैं। जाधव ने अपना इस्तीफा विधासभा स्पीकर को सौंप दिया है। इस सब के बाद 225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 79 रह गई है। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि नदी में नहाने से भी आपकी असंवेदनशीलता दूर नहीं हो सकती।
खतरे में JDS-Congress की गठबंधन सरकार
बता दें कि भाजपा की येदुरप्पा सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाई थी, जिसके बाद एक समय धुरविरोधी रहे जेडीएस JDS और कांग्रेस Congress ने भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए गठबंधन की सरकार बनाई । काफी नाटकीय घटनाक्रमों के बाद आखिरकार जेडीएस नेता कुमार स्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री चुना गया, लेकिन कांग्रेसी नेताओं के रुख के चलते वह हमेशा अपने को सीएम होने के बावजूद उपेक्षित कहते रहे। पिछले दिनों तो उन्होंने गठबंधन के साथी कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वह अपने विधायकों को हद में रखे नहीं तो वह सीएम पद छोड़ देंगे। उनका कहना था कि कांग्रेसी विधायक उन्हें सीएम मानते ही नहीं और वे अपने नेता सिद्धारमैया की ही बात सुनते हैं।
निर्दलीय विधयकों ने वापस लिया समर्थन
इस सब के बीच कांग्रेस में फूट की खबरों ने राज्य की गठबंधन सरकार पर संकट के बादल ला दिए। इस आग में घी डालने का काम उन दो निर्दलीय विधायकों ने किया, जिन्होंने अपना समर्थन सरकार से वापस लेते हुए भाजपा के संपर्क में होने की बात कही। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी संकेत दिए कि जल्द ही वह एक बड़ी खबर देंगे। इस सब के बाद कुछ कांग्रेसी विधायकों के भी भाजपा के संपर्क में होने की बात आती रहीं।
उमेश जाधव ने झटके से नया पेंच
अब खबर है कि कांग्रेस के एक और विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। विधायक उमेश जाधव पिछले कई दिनों से गठबंधन सरकार के फैसलों और सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे थे। इस सब के बाद आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इससे पहले संसद के बजट सत्र में भी कर्नाटक के जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठा था। लोक सभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने एक ऑडियो क्लिप का उदाहरण दिया जिसमें कथित तौर पर भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा द्वारा सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में शामिल एक विधायक को प्रलोभन देकर अपनी ओर मिलाने का आरोप लगाया गया है।
भाजपा पर लगाए जा रहे गंभीर आरोप
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए । उन्होंने आरोप लगाए थे कि पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा कुमार स्वामी सरकार गिराने के लिए उनके विधायकों को 10 करोड़ का प्रस्ताव दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी के 18 विधायकों ने इस बात की जानकारी उन्हें दी थी। आरोप लगे कि येदियुरप्पा ने 12 विधायकों को मंत्री बनाने का ऑफर दिया है, जबकि 6 विधायकों को विभिन्न बोर्डों में चेयरमैन बनाने का ऑफर दिया।
जानें लें अब सियासी आंकड़ेबाजी
असल में 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में 113 बहुमत का आंकड़ा है। इसमें स्पीकर समेत कांग्रेस के अब 79 , जदएस के 37 और भाजपा के 104 सदस्य हैं। इनके अलावा एक-एक विधायक बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय का है। अब मौजूदा घटनाक्रम में एक बार फिर से कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस और जेडीएस के कुछ और विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और आने वाले दिनों में गठबंधन सरकार को झटका दे सकते हैं।