अहमदाबाद। गुजरात में भाजपा सरकार के मंत्री ही उनकी मुश्किलें बढ़ाने पर उतारू हैं। पाटीदार आरक्षण और किसानों की कर्ज माफी को लेकर आमरण अनशन कर रहे युवा नेता हार्दिक पटेल के समर्थन में राज्य के मंत्री भी उतर गए हैं। राज्य सरकार में मंत्री कुंवरजी बावलिया ने हार्दिक पटेल से मिलकर उनकी मांगों को जायज बताया है और सरकार से इस पर कदम उठाने की बात कही है। हालांकि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की ओर से मंत्री के इस बयान को राजनीतिक बताया गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी हार्दिक पटेल की मांगों को सही बताया है।
गौरतलब है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल पिछले 9 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। पिछले दिनों उनके स्वास्थ्य की जांच करने गए डाॅक्टरों ने उन्हें फौरन पोषक तत्व लेने की सलाह दी थी क्योंकि उनका वजन 4 किलोग्राम तक कम हो गया था। ऐसे में अब मंत्री कुंवरजी बावलिया के समर्थन में उतरने से राज्य सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। मंत्री ने हार्दिक पटेल की मांगों को जायज बताते हुए सरकार से कदम उठाने की बात कही है। हार्दिक से मिलने वालों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी शामिल थे। मांझी ने कहा कि आरक्षण की सीमा 70 फीसदी तक होना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और रामदास अठावले पर सरकार की नौकरी करने का आरोप लगाया है।
ये भी पढ़ें - संभलकर करें करेंसी का इस्तेमाल, हो सकते हैं बीमारी के शिकार
यहां बता दें कि हार्दिक पटेल ने अपना वसीयत भी सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने वसीयत में कहा कि उनकी मृत्यू होने पर उनकी आंखें दान कर दी जाएं और उनकी संपत्तियों को उनकी मां और बहनों के बीच बांटने के साथ पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों में बांटने की बात कही है। हालांकि प्रदेश सरकार के मंत्री के द्वारा दिए गए बयान को आंदोलन समिति की ओर राजनीतिक करार दिया गया है।