लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के लिए नोटिस तक जारी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के बंगले खाली करने के आदेश के बावजूद बंगले बचाने के लिए समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने गत दिनों सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात तक कर डाली। इस दौरान उन्होंने सीएम को अपना बंगला बचाने का फार्मूला तक दे डाला, लेकिन एनेक्सी स्थिति मुख्यमंत्री ऑफिस पंचम तल से पूर्व सीएम के बंगले बचाने वाला गोपनीय पत्र लीक हो गया। अब इस मामले में दो अफसरों पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीएम के निजी सचिव पीताम्बरा यादव और सीएम के प्रमुख सचिव के पीए शिशुपाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इन दोनों पर ही मुलायम सिंह के उस फॉर्मूले को लीक करने का आरोप लगाया गया है।
अपने और अखिलेश यादव के बंगले को बचाने की कवायद
बता दें कि गत 16 मई को सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। मुलायम सिंह यादव ने सीएम के 5 कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात कर बंगले बचाने का एक फॉर्मूला सीएम योगी को सौंपा था। अब ये पत्र लीक हो गया है, जिसमें उनके और उनके पूर्व मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव के बंगले को बचाने का फॉर्मूला था।
आखिर क्या था ये फॉर्मूला
बता दें कि मुलायम सिंह द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपे गए पत्र में मुलायम सिंह ने कहा था कि वे विधानसभा और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष के नाम दोनों बंगले आवंटित कर दें । विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नाम बंगला आवंटित होने से दोनों के आवास बच सकते हैं। ऐसे में अगर योगी इस फॉर्मूले पर अमल करते हैं तो एनडीतिवारी को छोड़कर सभी के बंगले बच जाएंगे। दरअसल, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह विधायक हैं। इस फॉर्मूले के तहत 4 कालिदास मार्ग वाला बंगला उन्हें आवंटित हो सकता है । कल्याण सिंह के पोते भी सांसद और मंत्री हैं, उन्हें भी उनका बंगला आवंटित हो जाएगा। इतना ही नहीं मायावती नेता प्रतिपक्ष लालजी वर्मा के नाम से बंगला आवंटित करवा सकती हैं।