पटना । बिहार में चमकी बुखार दिनों दिन 'महामारी' का रूप धारण करता जा रहा है । मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि जून में अब तक पिछले 12 दिनों में 47 बच्चों की मौत इस बुखार के चलते हो गई है। वहीं बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार ने कहा, "हमें केंद्रीय टीम से कुछ दिशानिर्देश मिलने की उम्मीद है । अधिकांश मौतें हाइपोग्लाइसीमिया के कारण हुईं, इनमें से कुछ मरीज सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली और पूर्वी चंपारण जिलों से हैं। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संकट भरी स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और अस्पताल मामलों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करें ।
फुकेट भाग रहा मोंटी चड्ढा दिल्ली एयपोर्ट पर गिरफ्तार , 100 करोड़ से ज्यादा धोखाधड़ी का है आरोप
बता दें कि मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार के शिकार हो गए हैं । हालांकि राज्य सरकार मौत का कारण दिमागी बुखार नहीं बता रही है. सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है ।
पाकिस्तान की जनता पर टूटा टैक्स का 'कहर' , इमरान सरकार ने जनता पर लगाए भारी टैक्स
वहीं राज्य में बच्चों पर गहराए इस संकट को लेकर राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार की भी आफत आ गई है । बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है । राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है , लेकिन इस बुखार की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है । इस सब के बीच केंद्र सरकार की सात सदस्यीय टीम द्वारा जल्द ही अस्पतालों का दौरा करने और दिशानिर्देशों का सुझाव देने की संभावना है ।
जानकारी के मुताबिक , जनवरी से लेकर अभी तक जिले के दो अस्पतालों में एईएस से पीड़ित 172 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 157 एक जून के बाद भर्ती हुए और जो 47 मौत हुईं वो सभी जून महीने में हुई हैं । यहां के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में जनवरी से अब तक 117 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 102 जून में भर्ती हुए थे. इन बच्चों में से 36 की मौत हो गई है ।