लखनऊ। समाजवादी पार्टी में चाचा-भतीजा के बीच चल रही खींचतान खत्म नहीं हो रही है। अखिलेश यादव को 5 साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद सोमवार दोपहर बाद हुई समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चाचा शिवपाल सिंह यादव को कोई जगह नहीं दी गई। इस बात से चाचा और भतीजा के बीच की तल्खी और बढ़ने की संभावना है।
शिवपाल को नहीं मिली जगह
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की कार्यकारिणी में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे लेकिन शिवपाल सिंह यादव इस बैठक से नदारद रहे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 55 सदस्यों को जगह दी गई है और इसमें मुलायम सिंह यादव के करीबियों का खास ख्याल रखा गया है लेकिन मुलायम के भाई शिवपाल को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। यहां बता दें कि आगरा में हुए अधिवेशन में अखिलेश यादव को अध्यक्ष चुना गया था लेकिन इस अधिवेशन से मुलायम और शिवपाल दोनों ही नदारद थे। शिवपाल ने फ़ोन कर अखिलेश को बधाई दी थी इसके बाद संभावना जाती जा रही थी की दोनों के बीच तल्खी कम होगी लेकिन इस बैठक ने स्थिति को साफ कर दिया है।
ये भी पढ़ें - 3 साल 10 महीने 21 दिन बाद जेल से रिहा हुए तलवार दंपति, राजेश-नुपूर पर हमले की आशंका के चलते स...
अखिलेश के चहेतों को मिली जिम्मेदारी
आपको बता दें कि अखिलेश गुट के रामगोपाल यादव को महामंत्री का पद दिया गया है वहीं दूसरी तरफ आजम खान और वीरेन्द्र चौधरी को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अहम जिम्मेदारी दी गई है।
पिता के करीबियों का रखा ध्यान
वहीं अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह के नजदीकी नेताओं को जगह दी है। इस नई लिस्ट में किरणमय नन्दा, संजय सेठ, मधु गुप्ता, बलराम यादव, राम आसरे विश्वकर्मा और अबु आसिम आजमी के नाम शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के ये सभी नेता मुलायम सिंह के करीबियों में शुमार किए जाते हैं।