पटना। ऐसा लगा रहा है कि ‘मौसम वैज्ञानिक’ रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का मोह भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी (राजग) से भंग होने लगा है। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान के बाद अब बिहार सरकार में मंत्री रामविलास पासवान के भाई पारस पासवान ने भी सीटों के बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने भी ट्वीट कर कहा था कि अगर समय रहते सीटों के बंटवारे का फैसला नहीं किया गया तो नुकसान हो सकता है। यहां बता दें कि राजग से अलग हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेन्द्र कुशवाहा ने भी लोजपा को जल्द से जल्द राजग से अलग होने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हो चुके हैं। उनसे पहले चंद्रबाबू नायडू भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर गठबंधन से अलग हो गए थे। अब लोक जनशक्ति पार्टी के द्वारा भी तेवर दिखाए जा रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के द्वारा बिहार में 7 सीटों की मांग की जा रही है। ऐसे में देखना यह होगा कि भाजपा किस तरह से उन्हें मनाती है।
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यहां बता दें कि कल यानी की गुरुवार को बिहार के नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बैठक होने वाली है। ऐसे में भाजपा का फैसला बिहार के सियासी समीकरण को बदल सकता है। आपको बता दें कि लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि उनके द्वारा सीटों को लेकर भाजपा से कई बार बात की गई लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। ऐसे में अगर समय रहते सम्मानजनक फैसला नहीं लिया गया तो नुकसान हो सकता है। चिराग के बाद उनके चाचा पारस पासवान ने भी भाजपा को सीटों के बंटवारे के लिए 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड और यूपी में भी सीटों की मांग की है। बड़ी बात यह है कि राजग गठबंधन से अलग हो चुके उपेन्द्र कुशवाहा ने राम विलास पासवान को जल्द अलग होने की सलाह दी है। कुशवाहा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह छोटी पार्टियों को खत्म करने पर तुली हुई है।