पटना।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ग्रह इस समय कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। जहां एक ओर लालू परिवार बेनामी संपत्ति, भ्रष्टाचार के मामलों में फंसा हुआ है, वहीं अब पटना हाईकोर्ट से भी राजद को करारा झटका लगा है। दरअसल, राजद ने बिहार में जदयू और बीजेपी के साथ मिलकर बनी नई सरकार के गठन को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया। इतना ही इसी तरह की दायर की गई एक अन्य याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
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हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस एके उपाध्याय की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद ये याचिकाएं खारिज कर दीं। कोर्ट ने कहा कि विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद अदालत के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इनमें से एक याचिका राजद विधायक सरोज यादव और चंदन वर्मा ने दायर की थी, जबकि दूसरी याचिका समाजवादी पार्टी के सदस्य जितेंद्र कुमार ने दायर की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी थी।
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इन याचिकाओं में कहा गया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने नई सरकार के गठन के समय नियमों की अनदेखी की है। याचिकाएं खारिज होने के बाद राजद ने कहा कि वे नीतीश सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। लालू यादव ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से भी इस बारे में बात की है।
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