नई दिल्ली / लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी की योगी सरकार को पुलिस द्वारा किए गए ताबड़तोड़ एकाउंटर को लेकर नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के बाद से कानून का राज लागू किए जाने की बाबत जितने एकाउंटर हुए हैं, उनकी सीबीआई जांच या एसआईटी जांच की निगरानी कोर्ट करे। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है। अब इस मामले में 12 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि यूपी की योगी सरकार के गठन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि प्रदेश से अपराधी या तो कहीं चले जाएं, या उन्हें भेज दिया जाएगा। इसके बाद यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर करते हुए प्रदेश के कई इनामी बदमाशों को ढेर किया तो कई ने पुलिस के डर से सरेंडर करना शुरू कर दिया।
इस मामले को लेकर पीयूसीएल ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए इन मुठभेड़ की जांच करने की मांग की थी। कोर्ट के संज्ञान लेने पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों एक हलफनामा भी दाखिल किया था, जिसमें सरकार ने पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर की विस्तृत जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराई थी। यूपी पुलिस ने इसमें बताया था कि राज्य में अब तक मुठभेड़ के दौरान 48 अपराधियों को मार गिराया गया है, जबकि इन मुठभेड़ में 4 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं।
कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार , मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों में 30 बहुसंख्यक समुदाय के थे तो 18 अल्पसंख्यक समुदाय के। इतना ही नहीं पुलिस की कार्रवाई से घबराए करीब 98 हजार से ज्यादा अपराधियों ने इस दौरान सरेंडर किया।