बीजापुर। छत्तीसगढ़ सरकार की प्रदेश के बच्चों को माओवादियों की गिरफ्त में आने से बचाने के लिए शुरू की गई मुहिम रंग लाती नजर आ रही है। बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खोली गई स्पोर्टस एकेडमी अब खिलाड़ियों की नई पौध तैयार कर रही है। यहां गंगालूर गांव की दो लड़कियां भारत की तरफ से एशियन जूनियर साॅफ्टबाॅल चैंपियनशिप खेलने के लिए फिलीपींस के लिए रवाना होने वाली हैं। बता दें कि कभी केंदुपत्ता बीनकर और लकड़ियां काटकर अपने परिवार का पालन करने वाली ये दोनों लड़कियां शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के गंगालूर गांव की ओर जाने वाली सड़क को खूनी सड़क भी कहा जाता है क्योंकि माओवादियों ने इस रास्ते पर एक साथ 42 सुरक्षा अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया था। अब प्रदेश की रमण सिंह सरकार द्वारा खोली गई स्पोर्टस एकेडमी में पिछले 1 साल से तैयारी करने वाली 13 साल की अरुणा पुनेम और 14 साल की सुनीता हमला, एशियन जूनियर सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए फिलिपींस के लिए रवाना होंगी।
अरुणा पुनेम ने कहा कि वह पहले तेंदू पता को इकट्ठा किया करती थी। ऐसा वह परिवार की आय में अपना योगदान देने के लिए किया करती थीं। दोनों लड़कियों के माता-पिता आज भी यही काम करते हैं। दोनों ने स्पोर्टस एकेडमी खोलने के लिए सरकार का धन्यवाद दिया है। बता दें कि शनिवार को अंबेडकर जयंति के अवसर पर बीजापुर में कई परियोजनाओं की शुरुआत करने वाले हैं। 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली हमला ने बताया कि वह पिछले एक साल से सॉफ्टबॉल खेलना सीख रही हैं। मैं भारत का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं।